तिहाड़ जेल में बंद कैदियो की कैसी होती है जिंदगी, क्या सच में कैदियो को मिलता है नोनवेज ?
भारतीय कानून व्यवस्था किसी भी अपराध के लिए सख्त दंड का प्रावधान रखती है। जो व्यक्ति कानूनी अपराध करता है। उसे न केवल जुर्माना लगता है, बल्कि कई बार जेल की सजा भी हो सकती है। भारत में ऐसी 145 सेंट्रल जेलें हैं। जिनमें तिहाड़ जेल सबसे बड़ी है, जो 400 एकड़ में फैली हुई है।
भारतीय जेल प्रणाली में कैदियों के लिए विभिन्न सुविधाएं और दंडात्मक प्रावधानों के साथ उनके पुनर्वास की कोशिश की जाती है, ताकि वे समाज में वापस आकर एक सार्थक जीवन जी सकें।
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तिहाड़ जेल की सुविधाएँ
तिहाड़ जेल भारत की सबसे बड़ी जेल होने के नाते, कैदियों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान करती है। जेल प्रशासन कैदियों की सेहत का ख्याल रखते हुए उन्हें समय-समय पर पौष्टिक आहार उपलब्ध कराता है। सुबह 6 बजे कैदियों की सेल खोल दी जाती है और उन्हें नाश्ता और चाय दी जाती है।
कैदियों का दैनिक जीवन
कैदियों को उनके दैनिक कार्य बांटे जाते हैं और उन्हें जेल में विभिन्न कामों में लगाया जाता है। खाने में उन्हें रोटी, सब्जी, दाल और चावल दिया जाता है और कभी-कभी कैंटीन से नॉनवेज खाना भी खरीदने की अनुमति होती है।
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ
कैदियों को उनके परिजनों से मिलने की इजाजत होती है और उन्हें शिक्षा व धार्मिक अध्ययन के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। जेल में एक हॉस्पिटल भी होता है जहाँ 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं। कैदियों को जेल में किए गए काम का मेहनताना भी दिया जाता है।
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न्यायिक प्रक्रिया की सुविधा
जेल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालती कार्यवाही की व्यवस्था होती है। जिससे कैदियों को अदालत जाने की आवश्यकता नहीं होती और वे जेल से ही अपने केस की सुनवाई में भाग ले सकते हैं।