पति-पत्नी की उम्र में कितना अंतर होना है जरुरी, वरना इन कामों में हो सकती है दिक्क्त
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में विवाह के लिए उम्र के फासले पर बहुत महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. उनका मानना था कि पति और पत्नी के बीच का उम्र का अंतर सामंजस्य और समझदारी को प्रभावित करता है. चाणक्य के अनुसार जब पति-पत्नी के बीच उम्र का फासला उचित होता है, तब पारिवारिक जीवन सुखमय और संतुलित रहता है.
विवाह में उम्र का तालमेल
चाणक्य ने सलाह दी है कि एक बड़ी उम्र का अंतर अक्सर पारिवारिक जीवन में तनाव और असंतोष को जन्म देता है. उनके अनुसार, जब पति और पत्नी में ज्यादा उम्र का फर्क होता है तो दोनों की सोच में भी बड़ी खाई होती है, जिससे समझौते और सहयोग में कमी आती है.
बड़े उम्र के अंतर के नुकसान
चाणक्य का यह भी कहना है कि बड़े उम्र के फासले से विवाहित जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं. इससे पारिवारिक तालमेल में कमी आती है और संबंधों में दरारें पैदा होती हैं. विशेषकर जब पुरुष की उम्र महिला से काफी अधिक होती है तब ये समस्याएं अधिक गंभीर रूप ले सकती हैं.
आदर्श उम्र का अंतर
चाणक्य ने सुझाव दिया है कि विवाह में पति और पत्नी के बीच उम्र का फासला 3 से 5 साल के बीच होना चाहिए. इससे दोनों के बीच में मानसिक समानता और समझ बनी रहती है, और दोनों एक-दूसरे के साथ बेहतर तालमेल बिठा पाते हैं.
समाज और संस्कृति का असर
चाणक्य के अनुसार सामाजिक और सांस्कृतिक मानदंड भी विवाह में उम्र के फैसले को प्रभावित करते हैं. विभिन्न समाजों में उम्र के फासले को लेकर विभिन्न मान्यताएं हो सकती हैं, और इसे समझते हुए ही विवाह के निर्णय लेने चाहिए.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं इंटरनेट से ली गई है. किसी भी फायदे/नुकसान संबंधित CANYONSPECIALITYFOODS.Com की कोई जवाबदेही नही होगी।