ट्रेन से पार्सल भेजने में कितना आता है खर्चा, जाने क्या रहता है पूरा प्रोसेस

भारत में जब भी लंबी दूरी की यात्रा की बात आती है तो अधिकतर लोगों की पहली पसंद ट्रेन होती है। ट्रेन से यात्रा करने का मुख्य कारण यह है कि यह न केवल किफायती होता है बल्कि आरामदायक भी होता है। स्लीपर कोच (SL) में टिकट बुक कराकर यात्री रात भर सोकर अपनी यात्रा को और भी सुखद बना सकते हैं।

 

भारत में जब भी लंबी दूरी की यात्रा की बात आती है तो अधिकतर लोगों की पहली पसंद ट्रेन होती है। ट्रेन से यात्रा करने का मुख्य कारण यह है कि यह न केवल किफायती होता है बल्कि आरामदायक भी होता है। स्लीपर कोच (SL) में टिकट बुक कराकर यात्री रात भर सोकर अपनी यात्रा को और भी सुखद बना सकते हैं।

ट्रेन में सामान की ढुलाई

कई बार यात्री अपने साथ भारी या बड़े सामान को लेकर यात्रा नहीं कर सकते। ऐसे में ट्रेन में सामान भेजने की सुविधा एक बड़े लाभ के रूप में उभरती है। ट्रेन के जरिए सामान भेजना न केवल सुरक्षित होता है बल्कि यह सामान को निर्धारित समय में गंतव्य तक पहुंचाने का भी आश्वासन देता है।

सामान भेजने का प्रोसेस 

यदि आप भी अपना सामान ट्रेन के माध्यम से भेजना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको नजदीकी रेलवे स्टेशन पर जाकर इसकी जानकारी प्राप्त करनी होगी। आपको बताना होगा कि आप क्या सामान भेजना चाहते हैं, सामान का वजन कितना है और सामान को किस गंतव्य तक भेजा जाना है। इसके बादआपको अपने सामान को पार्सल ऑफिस ले जाना होगा जहाँ आपको फॉर्वर्डिंग लेटर भरना होगा और निर्धारित फीस का भुगतान करना होगा।

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सामान भेजने की लागत

सामान भेजने की लागत मुख्य रूप से सामान के आकार, वजन और भेजे जाने वाले दूरी पर निर्भर करती है। एक बार जब आप फीस का भुगतान कर देते हैं और रसीद प्राप्त कर लेते हैं, तो आपके सामान को सुरक्षित रूप से गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी रेलवे की होती है।