शादी में दिए कैश पर कितना लगता है इनकम टैक्स, जाने क्या कहता है आयकर विभाग का कानून

देश में शादियों का सीजन (Wedding Season) एक बार फिर शुरू हो गया है। दिल्ली सहित पूरे देश में जनवरी से जुलाई तक लगभग 45 लाख शादियां (Weddings) होने का अनुमान है।
 

देश में शादियों का सीजन (Wedding Season) एक बार फिर शुरू हो गया है। दिल्ली सहित पूरे देश में जनवरी से जुलाई तक लगभग 45 लाख शादियां (Weddings) होने का अनुमान है। शादियों में भारी मात्रा में खर्च (Expenditure) किया जाता है, जिसमें दूल्हा-दुल्हन को दिए जाने वाले गिफ्ट्स (Gifts) भी शामिल हैं।

शादी सीजन में गिफ्ट्स का आदान-प्रदान एक सामान्य प्रथा है, और इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार, इन गिफ्ट्स पर कुछ छूट दी गई है। इन नियमों को समझना और उनका पालन करना आवश्यक है ताकि आप बिना किसी वित्तीय जोखिम के इस खास मौके का आनंद ले सकें।

शादी में गिफ्ट पर टैक्स के नियम

अगर शादी के दौरान किसी भी रिश्तेदार या माता-पिता की ओर से दूल्हा या दुल्हन को कोई गिफ्ट दिया जाता है, तो वह इनकम टैक्स (Income Tax) में पूरी तरह से टैक्स फ्री (Tax Free) होता है। इसमें सोना (Gold), जमीन (Land), फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य प्रकार के सामान शामिल हैं।

गिफ्ट की वैल्यू पर कोई लिमिट नहीं

शादियों में दिए जाने वाले गिफ्ट्स की वैल्यू (Value of gifts) को लेकर कोई लिमिट नहीं है। कोई भी व्यक्ति चाहे जितनी भी मूल्य का गिफ्ट दे सकता है और यह पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है। हालांकि, गिफ्ट देने वाले व्यक्ति को इसके सोर्स (Source) के बारे में इनकम टैक्स विभाग को सूचित करना होगा।

शादी के बाद मिले सोने पर टैक्स

इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, अगर शादी के बाद किसी महिला को उसके पति, भाई, बहन, माता-पिता, ससुर, या सास की ओर से सोना या आभूषण (Jewellery) गिफ्ट में दिया जाता है, तो यह भी टैक्स फ्री होता है।

कैश में लेन-देन की लिमिट

आयकर अधिनियम के सेक्शन 269ST के अनुसार, एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक का कैश लेन-देन (Cash transaction) नहीं किया जा सकता। अगर नवविवाहित जोड़े को मिले उपहारों की कीमत 50,000 रुपये है और यह तत्काल परिवार के सदस्य द्वारा नहीं दिया गया है, तो यह आयकर अधिनियम की धारा 56 के तहत कर योग्य (Taxable) होगा।