IPL में खिलाड़ियों की टीशर्ट के पीछे लिखे नंबर कैसे सलेक्ट किए जाते है, इस खास नियम का इस्तेमाल करके रखे जाते है नम्बर

जैसे ही इंडियन प्रीमियर लीग का मौसम शुरू होता है क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें अपने टीवी स्क्रीन्स पर टिक जाती हैं। इस दौरान खिलाड़ियों की जर्सी और उनके पीछे अंकित नंबर उनकी विशेष पहचान बन जाते हैं। हर खिलाड़ी का जर्सी नंबर उसकी व्यक्तिगत पसंद और करियर से जुड़ी कुछ खास भावनाओं को दर्शाता है।
 

जैसे ही इंडियन प्रीमियर लीग का मौसम शुरू होता है क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें अपने टीवी स्क्रीन्स पर टिक जाती हैं। इस दौरान खिलाड़ियों की जर्सी और उनके पीछे अंकित नंबर उनकी विशेष पहचान बन जाते हैं। हर खिलाड़ी का जर्सी नंबर उसकी व्यक्तिगत पसंद और करियर से जुड़ी कुछ खास भावनाओं को दर्शाता है। जैसे टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा का नंबर 45 है विराट कोहली का 18 और महेंद्र सिंह धोनी हमेशा 7 नंबर की जर्सी में नजर आते हैं।

जर्सी नंबर का चयन कैसे होता है?

क्रिकेटरों की जर्सी के पीछे नंबर आखिर कैसे तय होता है यह एक दिलचस्प प्रश्न है। आम धारणा के विपरीत इसके लिए कोई कड़े नियम नहीं हैं। भारतीय क्रिकेट टीम में जर्सी नंबर का चयन अक्सर खिलाड़ियों की व्यक्तिगत पसंद पर आधारित होता है और टीम मैनेजमेंट या बोर्ड की इसमें कोई बड़ी भूमिका नहीं होती। खिलाड़ियों को उनकी पसंद के नंबर का चयन करने की स्वतंत्रता होती है बशर्ते वह नंबर टीम के किसी अन्य खिलाड़ी द्वारा पहले से न चुना गया हो।

क्या पुराने नंबरों का दोबारा प्रयोग होता है?

खास तौर पर प्रतिष्ठित खिलाड़ियों जैसे कि सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी के नंबरों को आमतौर पर अन्य खिलाड़ियों द्वारा नहीं अपनाया जाता जिससे उनकी विशेष पहचान बनी रहती है। हालांकि यह नियम कठोर नहीं है और व्यक्तिगत पसंद के आधार पर इसमें बदलाव संभव है।

आईपीएल में जर्सी नंबर की विशेषता

आईपीएल के दौरान, जर्सी नंबर के चयन में और भी अधिक लचीलापन होता है। खिलाड़ी अपने पसंद के नंबर के साथ खेल सकते हैं, बशर्ते कि उसी टीम में कोई और उस नंबर का उपयोग नहीं कर रहा हो। इससे खिलाड़ियों को अपनी व्यक्तिगत पहचान और ब्रांड बनाने में मदद मिलती है।