शादी के बाद 2 दिन से ज्यादा साथ नही रह सकते पति पत्नी, परिवार बढ़ाने के लिए अपनाते है ये तरीका

भारतीय समाज में शादी का मतलब हमेशा से पति और पत्नी का एक साथ रहना रहा है। लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में विवाह के बाद के रिश्तों की परिभाषा भिन्न होती जा रही है। जापान में विकसित हो रही एक संस्कृति ने इस पारंपरिक विचार को एक नया मोड़ दिया है जहां शादी के बाद भी पति-पत्नी साथ नहीं रहते हैं।

 

भारतीय समाज में शादी का मतलब हमेशा से पति और पत्नी का एक साथ रहना रहा है। लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में विवाह के बाद के रिश्तों की परिभाषा भिन्न होती जा रही है। जापान में विकसित हो रही एक संस्कृति ने इस पारंपरिक विचार को एक नया मोड़ दिया है जहां शादी के बाद भी पति-पत्नी साथ नहीं रहते हैं।

शादी के बाद साथ नहीं रहने की प्रथा

इस अद्वितीय जापानी संस्कृति में, विवाहित जोड़े शादी के बाद भी अलग-अलग रहते हैं। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि दोनों साथी अपनी निजता और स्वतंत्रता को महत्व देते हैं। यह प्रथा उन्हें अपनी व्यक्तिगत जिंदगी को बिना किसी रोक-टोक के जीने की आजादी देती है। इससे वे विवाहित होने के साथ-साथ एक तरह से सिंगल का अनुभव भी रखते हैं।

इस प्रथा के पीछे के तर्क

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार ऐसी लाइफस्टाइल चुनने वाले कपल्स एक-दूसरे के प्यार और समर्थन को महत्व देते हैं लेकिन वे इसके लिए कोई त्याग नहीं करते हैं। यह रिश्ता प्यार और सम्मान पर आधारित होता है और इसे निभाने में जोड़े को आसानी होती है। यह प्रथा उन्हें अपनी जिंदगी में खलल डाले बिना अपने सपनों और आकांक्षाओं का पीछा करने की स्वतंत्रता देती है।

यह भी पढ़ें; शादी के बाद कोई भी लड़की अपने पति को नही बताना चाहती है ये सीक्रेट, पति को उल्लू बनाकर लेती है मजे

व्यवहारिक उदाहरण और उनके अनुभव

बीबीसी ने हिरोमी और हिदेकाज़ू नामक एक जोड़े की कहानी का उल्लेख किया है, जो केवल सप्ताहांत में साथ समय बिताते हैं और बाकी समय अलग-अलग रहते हैं। इस तरह की जीवनशैली ने उन्हें शांति और संतुष्टि प्रदान की है। पति का कहना है कि काम के दबाव के कारण वह परिवार को समय नहीं दे पाता है, जबकि पत्नी को अपने पति की मौजूदगी में कुछ गतिविधियां करने में संकोच होता है। इस प्रकार की जीवन शैली उन्हें अपने अनुसार जीवन जीने की आजादी देती है।