IAS अफसर को सैलरी के साथ गाड़ी और बंगले समेत मिलते है ये ठाठ बाट, महीने की सैलरी जानकर आपके उड़ जाएंगे होश

संघ लोक सेवा आयोग की UPSC परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा है। लाखों युवा यह परीक्षा पास करने का सपना देखते हैं और देश सेवा करेंगे।

 

संघ लोक सेवा आयोग की UPSC परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा है। लाखों युवा यह परीक्षा पास करने का सपना देखते हैं और देश सेवा करेंगे।

इस परीक्षा को पास करने के बाद ही उम्मीदवार अपनी रैंक के अनुसार भारत सरकार, भारत पुलिस, भारत इंजीनियरिंग या भारत विदेश सेवा में काम पा सकते हैं। लेकिन इन सभी पदों में आईएएस सबसे अधिक चर्चा में है।

IAS अफसर कैसे बनते हैं?

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में प्राप्त स्थान के अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा पद मिलता है। परीक्षा में सर्वोच्च रैंक वालों को आईएएस पोस्ट मिलता है, लेकिन IPS या IFS अक्सर सर्वोच्च रैंक वालों को चुनते हैं।

इसलिए निचले रैंक वालों को भी IAS पोस्ट मिलती है। रैंक के आधार पर आईपीएस और आईएफएस पोस्ट मिलते हैं।

आईएएस ऑफिसर की प्रशिक्षण

IAS को सिर्फ लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में 3 महीने की ट्रेनिंग मिलती है। जो फाउंडेशन कोर्स कहलाता है।

यहां उन्हें प्रशासन, पुलिसिंग और एडमिस्ट्रेशन के हर क्षेत्र की जानकारी दी जाती है। साथ ही, एकेडमी में मेंटल और फिजिकल स्ट्रेंथ के लिए कठिन हिमालय ट्रैकिंग भी कराई जाती है। 

Training के बाद क्या?

ट्रेनिंग पूरी होने पर वे अपने कैडर में भेज दिए जाते हैं। जहां उन्हें एक विशेष विभाग या क्षेत्र का नियंत्रण सौंपा जाता है। उन्हें अपने क्षेत्रों के विकास के लिए प्रस्ताव बनाने, सरकारी नीतियों को लागू करने और महत्वपूर्ण निर्णय लेने की कार्यकारी शक्ति मिलती है।

जानिए कैसे कैडर निर्धारित होता है?

यूपीएसी टेस्ट करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है कि कैडर कैसे मिलेगा। यूपीएससी में उम्मीदवारों को 24 सेवाएं मिलती हैं। ये दो श्रेणियों में विभाजित हैं ऑल इंडिया सर्विसेज सबसे पहले।

इस सेवा में IAS और IPS भी शामिल हैं। इनमें से चुने गए लोगों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कैडर में स्थान दिया जाता है। फिर ग्रुप ए और ग्रुप बी की सेवाएं दूसरे नंबर पर हैं।

पोस्टिंग

आईएएस अधिकारी की पहली पोस्टिंग सब डिविजनल मजिस्ट्रेट है। उन्हें बाद में उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट के पद पर बढ़ाया जाता है। IAS अधिकारियों, जो PSU प्रमुख हैं, को केंद्र और राज्य सचिवालय में पदों पर चाहिए।

एक आईएएस जिला सचिव, कैबिनेट सचिव, उपसचिव और अवर सचिव हैं। यह भारत का सर्वोच्च पद है, जिस पर केवल एक IAS ऑफिसर ही नियुक्त हो सकता है। स्टेट में भी सर्वोच्च पद IAS चीफ सेक्रेटरी का है।

IAS अफसर की जिम्मेदारी और अधिकार

जिलाधिकारी के रूप में आईएएस अधिकारी काफी शक्तिशाली होता है। एक IS जिले के सभी विभागों को देखता है। जिलाधिकारी के रूप में, वह पुलिस विभाग सहित अन्य विभागों को नियंत्रित करता है। साथ ही, जिलाधिकारी डिस्ट्रिक्ट की पुलिस व्यवस्था की देखभाल करता है।

जिलाध्यक्ष ही कानून और व्यवस्था से जुड़े सभी निर्णय लेता है, जैसे निषेधाज्ञा और धारा 144। डीएम भी भीड़ पर कार्रवाई करने या फायरिंग जैसे आदेश दे सकता है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग और कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय आईएएस अधिकारियों को नियंत्रित करते हैं।

क्या आप IAS ऑफिसर की सैलरी और सुविधाओं को जानते हैं?

आईएएस अधिकारियों का वेतन विभिन्न संरचनाओं (जैसे जूनियर, सीनियर और सुपर टाइम स्केल) के आधार पर होता है। 7वें वेतन आयोग के तहत, एक IAS अधिकारी 56,100 से 2.5 लाख रुपये प्रति महीने की सैलरी पा सकता है।

इन्हें डियरनेस अलाउंस, घर किराया अलाउंस, मेडिकल अलाउंस और कन्वेंशन अलाउंस भी मिलता है, बेसिक पे और ग्रेड पे के अलावा। इसमें सैलरी सुपर टाइम स्केल, अपेक्स और कैबिनेट सेक्रेट्री के आधार पर बढ़ती है।

इसके अलावा, प्रत्येक पोस्ट के आधार पर आईएएस अधिकारियों को गाड़ी, बंगला, कुक, गार्डनर, सुरक्षा गार्ड और अन्य घरेलू सहायता जैसे अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं। इन अधिकारियों को बिजली और टेलीफोनिक सेवाएं मुफ्त में या अधिक सब्सिडी पर दी जाती हैं।