किसी मुजरिम को 5 साल जेल होती है तो दिनों की गिनती कैसे होती है, जाने क्या है गिनती का तरीका

भारत में अपराधियों को दी जाने वाली सजा के समय की गणना के बारे में कई भ्रांतियां हैं। लोकप्रिय मिथक यह है कि जेल में सजा के दिनों को अलग तरीके से गिना जाता है जैसे कि 12 घंटे को एक दिन मान लिया जाता है।
 

भारत में अपराधियों को दी जाने वाली सजा के समय की गणना के बारे में कई भ्रांतियां हैं। लोकप्रिय मिथक यह है कि जेल में सजा के दिनों को अलग तरीके से गिना जाता है जैसे कि 12 घंटे को एक दिन मान लिया जाता है। हालांकि भारतीय संविधान और कानून के अनुसार जेल में एक दिन को 24 घंटे एक हफ्ते को 7 दिन एक महीने को 30 दिन और एक साल को 365 दिन के रूप में गिना जाता है।

इस प्रकार के भ्रम से बचने के लिए सटीक जानकारी का होना आवश्यक है। इस तरह की जानकारी को आम जनता तक पहुंचाना जरूरी है ताकि लोगों में कानूनी प्रक्रियाओं के प्रति सही समझ विकसित हो सके और वे किसी भी प्रकार की गलतफहमियों से बच सकें।

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कानूनी जागरूकता समाज में न्याय की स्थापना में एक कदम होती है और यह सभी के लिए सुरक्षित और न्यायपूर्ण समाज की दिशा में अग्रसर होती है।

उम्रकैद की सजा की अवधि

उम्रकैद की सजा को लेकर भी एक आम गलतफहमी यह है कि इसका मतलब सिर्फ 14 साल की सजा होती है। इसके विपरीत उम्रकैद का अर्थ होता है कि दोषी को अपनी जीवन की शेष अवधि तक जेल में रहना होगा।

जब तक कि उसे किसी विशेष क्षमा या अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत रिहा नहीं किया जाता। भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट किया है कि उम्रकैद का अर्थ पूरी जीवनावधि की सजा होती है।

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14 साल के बाद रिहाई की संभावना

जहां तक रिहाई की बात है तो कानून में प्रावधान है कि उम्रकैद की सजा पाने वाले कैदी को 14 साल की न्यूनतम अवधि पूरी करने के बाद विशेष परिस्थितियों में रिहा किया जा सकता है। यह रिहाई राज्य सरकार की सिफारिश और अदालती आदेशों के आधार पर होती है जिसमें कैदी के आचरण और सुधार को महत्वपूर्ण माना जाता है।