आधार कार्ड बना हुआ तो भूल से मत कर देना ये गलतियां, वरना हो सकती है 10 साल की जेल

भारत में आधार कार्ड न केवल एक पहचान पत्र है बल्कि यह विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी कार्यों के लिए एक अनिवार्य दस्तावेज बन चुका है।
 

भारत में आधार कार्ड न केवल एक पहचान पत्र है बल्कि यह विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी कार्यों के लिए एक अनिवार्य दस्तावेज बन चुका है। इसका इस्तेमाल स्कूल नामांकन से लेकर मृत्यु पंजीकरण तक हर जगह किया जाता है। इसकी व्यापक उपयोगिता के कारण इसके दुरुपयोग की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसे में आधार कार्ड से जुड़े गलत मामलों में सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।

गलत जानकारी देने पर जेल और जुर्माना

अगर कोई व्यक्ति आधार कार्ड बनाते समय गलत या फर्जी बायोमेट्रिक्स जानकारी देता है और इसका पता चलता है तो उसे तीन साल की जेल या 10,000 रुपये का जुर्माना, या दोनों हो सकता है। इसी तरह अगर कोई आधार नंबर या बायोमेट्रिक जानकारी के साथ छेड़छाड़ करता है तो उसे भी समान दंड का सामना करना पड़ सकता है।

आधार फ्रॉड के लिए कड़े दंड

आधार कार्ड के नाम पर फ्रॉड करने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं के लिए भी कठोर दंड की व्यवस्था है। अगर कोई व्यक्ति आधार कार्ड बनाने या अपडेट करने के नाम पर धोखाधड़ी करता है तो उसे तीन साल तक की जेल और 10,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।

गंभीर अपराधों पर अधिकतम दंड

आधार कार्ड से जुड़ी गंभीर अपराधिक गतिविधियों जैसे कि बड़े पैमाने पर हेराफेरी या डेटा चोरी, में शामिल व्यक्तियों को 10 साल तक की जेल और 10,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है। इस तरह के अपराध समाज में विश्वास को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं और इसलिए, इन्हें रोकने के लिए सख्त सजा जरूरी है।