आसमान से Airplane गुजरता है तो अपने पीछे क्यों छोड़ देता है सफेद लाइन, होशियार लोग भी नही बता पाएंगे असली वजह
हम में से अधिकांश ने आसमान में उड़ते हवाई जहाजों के पीछे बनने वाली सफेद रेखाओं को देखा होगा। जो कभी-कभी रस्सी की तरह दिखाई देती हैं। इन्हें देखकर बच्चे अक्सर अपने माता-पिता से पूछते हैं कि यह क्या है। आइए जानते हैं कि वास्तव में ये सफेद रेखाएं क्या होती हैं और इनके पीछे का विज्ञान क्या है।
कॉन्ट्रेल्स वायुमंडलीय घटना
जिसे हम आसमान में देखते हैं, उसे वैज्ञानिक भाषा में 'कॉन्ट्रेल्स' कहा जाता है, जो कि विमानों के पीछे बनने वाली वाष्पीकृत बर्फ की रेखाएं होती हैं। ये तब बनती हैं जब विमान के इंजन से निकलने वाली गर्म नमी उच्च ऊंचाई पर ठंडी हवा से मिलकर संघनित हो जाती है और बर्फ के क्रिस्टल्स में बदल जाती है। यह घटना तापमान और वायुमंडल की नमी के स्तर पर निर्भर करती है।
कॉन्ट्रेल्स का विस्तार और प्रभाव
कॉन्ट्रेल्स वायुमंडल में कई किलोमीटर तक फैल सकते हैं और इनका अस्तित्व कुछ मिनटों से लेकर कई घंटों तक रह सकता है। यह उस वायुमंडलीय परिस्थितियों पर निर्भर करता है जैसे कि हवा की नमी, हवा का तापमान और हवाओं की गति। इन रेखाओं का मौसम पर भी प्रभाव पड़ सकता है। क्योंकि ये सूर्य की रोशनी को विभाजित कर सकते हैं और तापमान में भी बदलाव ला सकते हैं।
कॉन्ट्रेल्स और पर्यावरणीय चिंताएँ
कॉन्ट्रेल्स की उपस्थिति हवाई यातायात की बढ़ोतरी के साथ बढ़ी है और यह पर्यावरणीय चिंताओं का विषय भी बन रही है। वैज्ञानिक इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि कैसे इनका प्रभाव पृथ्वी के तापमान और जलवायु परिवर्तन पर पड़ता है। ये अध्ययन हमें वायुमंडलीय विज्ञान की गहरी समझ प्रदान कर सकते हैं और भविष्य में हमारी जलवायु संबंधी नीतियों को आकार देने में मदद कर सकते हैं।