बिजली बिल नही मिला तो ग्राहक को मुआवजे में मिले इतने रुपए, जाने क्या कहता है बिजली विभाग का नियम
लखनऊ से एक बड़ी खबर आ रही है जो बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक सुखद संकेत है। विद्युत उपभोक्ता परिषद की एक नई पहल के अनुसार बिजली कनेक्शन लेने के बाद यदि दो बिलिंग चक्र तक उपभोक्ताओं को बिल जारी नहीं किया जाता तो उन्हें प्रति बिलिंग चक्र 500 रुपये के हिसाब से मुआवजे का प्रावधान है।
इस पहल का उद्देश्य उपभोक्ताओं को समय पर बिल प्रदान करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करना है। इस पहल से उपभोक्ताओं को न केवल समय पर बिल प्राप्त होगा। बल्कि यह बिजली कंपनियों को भी अपनी सेवाओं में सुधार लाने के लिए प्रेरित करेगा।
इससे उपभोक्ता संतुष्टि में वृद्धि होगी और बिजली क्षेत्र में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बढ़ेगा। यह कदम न केवल उपभोक्ताओं के हित में है बल्कि एक सुचारू और प्रभावी विद्युत वितरण प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
बिजली कंपनियों पर बढ़ा दबाव
इस नई घोषणा से बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं को समय पर बिल प्रदान करने का दबाव बढ़ेगा। विशेषकर लखनऊ में एक 46 किलोवाट के बिजली कनेक्शन धारक को एक साल तक बिजली बिल न दिए जाने का मामला चर्चा में आने के बाद यह कदम और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
मुआवजा कानून की मांग
उपभोक्ता परिषद ने इस कानून को शत-प्रतिशत लागू करने की मांग की है ताकि उपभोक्ताओं की हर समस्या का समाधान तय समय में हो सके। इसके अलावा इस नियम के उल्लंघन पर मुआवजे की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने की भी मांग की गई है।
प्रदेश भर में समस्या
लखनऊ की तरह प्रदेश भर में ऐसे कई उपभोक्ता हैं जिन्हें कनेक्शन लेने के बाद बिल जारी नहीं किए जाते। यह उन्हें अनेक समस्याओं और दफ्तरों के चक्कर काटने के लिए मजबूर करता है। विद्युत वितरण संहिता- 2005 की धारा 7.7.2 (डी) के अनुसार यदि किसी भी विद्युत उपभोक्ता को प्रथम बिल निर्गत नहीं किया जाता तो विलंब के प्रत्येक बिल चक्र के लिए उपभोक्ता को 500 रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए।