ट्रेन में लगे हुए पंखे अगर घर में लगाए तो नही करेंगे काम, जाने किस खास तकनीक से चलते है ये पंखे
भारतीय रेलवे जो कि आम आदमी का सबसे भरोसेमंद सफरी साथी है। अब और भी सुरक्षित बनाने की दिशा में अग्रसर है। रेल यात्रा को आरामदायक और किफायती बनाने के लिए रेलवे ने कई उपाय किए हैं। जिसमें सबसे बड़ी चिंता यात्रियों की सुरक्षा और चोरी की रोकथाम शामिल है।
भारतीय रेलवे न केवल यात्रा को सुविधाजनक और सस्ता बना रहा है। बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और उनके सामान की सुरक्षा के लिए भी निरंतर प्रयास कर रहा है।
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ट्रेनों में चोरी एक गंभीर समस्या
पहले के समय में ट्रेनों में यात्रियों का सामान और ट्रेन के उपकरण जैसे पंखे और स्विच आदि चोरी होना आम बात थी। इससे न सिर्फ यात्रियों का नुकसान होता था। बल्कि रेलवे की साख और आर्थिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता था। इस समस्या को हल करने के लिए रेलवे ने कई कदम उठाए।
तकनीकी नवाचार से चोरी पर विराम
जब ट्रेनों से पंखों की चोरी की घटनाएं बढ़ने लगीं। तब रेलवे ने नई तकनीकी रणनीति अपनाई। इस नवीनीकरण के अंतर्गत, पंखों को खास तरीके से डिजाइन किया गया ताकि उनका उपयोग केवल ट्रेनों में ही किया जा सके और उन्हें आसानी से चुराया न जा सके। इससे न केवल चोरी की घटनाएं कम हुईं, बल्कि यात्रियों का विश्वास भी बढ़ा।
घर में इस्तेमाल नहीं हो सकते ये पंखे
इन पंखों को खासतौर पर 110 वोल्ट डीसी बिजली पर चलाया जाता है, जो कि घरेलू उपयोग में आने वाली बिजली से बिल्कुल अलग है। घरों में अधिकतर 220 वोल्ट एसी बिजली का उपयोग होता है, जिससे ये पंखे चल ही नहीं सकते। इस तकनीकी बदलाव ने चोरों के हौसले पस्त कर दिए हैं और चोरी की घटनाओं में नाटकीय रूप से कमी आई है।
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कानूनी परिणाम भी हैं गंभीर
फिर भी अगर कोई व्यक्ति इन पंखों को चुराने का प्रयास करता है, तो उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है। इस प्रकार की चोरी के लिए सात साल तक की जेल और भारी जुर्माना हो सकता है, जो कि एक चेतावनी है उन सभी के लिए जो इस प्रकार के अपराध की ओर आकर्षित होते हैं।