खाटू श्याम में लक्खी मेला देखने जा रहे है तो जान लो ये जरुरी बात, इस गेट से कर लेना एंट्री वरना भूल जाएंगे रास्ता

राजस्थान की पवित्र धरती खाटू धाम में जल्द ही फाल्गुन लक्खी मेले का आयोजन होने जा रहा है। 11 मार्च से शुरू होने वाला यह मेला बाबा खाटू श्याम के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
 

राजस्थान की पवित्र धरती खाटू धाम में जल्द ही फाल्गुन लक्खी मेले का आयोजन होने जा रहा है। 11 मार्च से शुरू होने वाला यह मेला बाबा खाटू श्याम के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। देश-विदेश से लाखों भक्त इस मेले में शामिल होने के लिए आते हैं जो श्याम भक्तों की गहरी आस्था और भक्ति का प्रतीक है।

इस अवसर पर हजारों भक्त पदयात्रा करते हुए और निशान लेकर खाटू धाम की यात्रा पर निकल पड़ते हैं। फाल्गुन लक्खी मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है बल्कि यह भक्तों के लिए आस्था, भक्ति, और अध्यात्म के संगम का प्रतीक है।

बाबा खाटू श्याम के दरबार में आने वाले हर भक्त को उनकी अटूट आस्था और भक्ति का फल मिलता है। इस मेले का हर पल भक्तों के लिए एक अद्भुत अनुभव होता है। जो उन्हें आध्यात्मिक शांति और संतोष प्रदान करता है।

मंदिर सजावट एक दिव्य दृश्य

बाबा श्याम के मंदिर की सजावट के लिए बंगाल से आए 105 कलाकारों द्वारा बड़ी ही उत्कृष्टता के साथ काम किया जा रहा है। दरबार को एक अलौकिक और मनमोहक रूप दिया जा रहा है। जहाँ बाबा श्याम का दिल्ली सहित अनेक जगहों से लाए गए।

सतरंगी फूलों से रोजाना नए श्रृंगार के साथ पूजा जाएगा। कलाकारों का मानना है कि मेले के दौरान बाबा का श्रृंगार इतना मनमोहक होगा कि भक्तों की सारी थकावट और चिंताएँ दूर हो जाएंगी।

आवागमन और प्रशासनिक व्यवस्था

लक्खी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक विस्तृत ट्रैफिक प्लान बनाया गया है। श्रद्धालु 52 बीघा सरकारी पार्किंग से विभिन्न निर्दिष्ट मार्गों से होकर मंदिर तक पहुंच सकेंगे।

मंदिर प्रवेश द्वार पर 14 कतारें लगाई जाएंगी ताकि भक्तों को बाबा के दरबार तक पहुंचने में सुविधा हो। दर्शन के बाद निकासी के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है ताकि भक्त आसानी से मंदिर परिसर से बाहर निकल सकें।

स्वच्छता और जलापूर्ति की व्यवस्था

मेले के दौरान श्री श्याम मंदिर कमेटी ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर जगह-जगह स्थाई और मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था की है। विशेषकर महिला श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

इसके अलावा लखदातार ग्राउंड में 40 लाख पाउच पानी की व्यवस्था की गई है ताकि भक्तों को पेयजल की कोई कमी न हो।