CNG गाड़ी चलाते है तो भूलकर भी मत करना ये मिस्टेक, वरना हो सकता है भारी नुकसान

भारत में पेट्रोल और डीजल के विकल्प के रूप में सीएनजी कारों का उपयोग काफी बढ़ रहा है। ये कारें न केवल पर्यावरण के अनुकूल होती हैं बल्कि इनका संचालन खर्च भी कम आता है।
 

भारत में पेट्रोल और डीजल के विकल्प के रूप में सीएनजी कारों का उपयोग काफी बढ़ रहा है। ये कारें न केवल पर्यावरण के अनुकूल होती हैं बल्कि इनका संचालन खर्च भी कम आता है। हालांकि सीएनजी कारों के कुछ नुकसान भी होते हैं जिन्हें जानना जरूरी है।

सीएनजी कारों के उपयोग से जुड़ी ये चिंताएं उपयोगकर्ताओं को सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता दर्शाती हैं। सही जानकारी और उचित देखभाल के साथ सीएनजी कारें न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी हो सकती हैं बल्कि दीर्घकालिक रूप से आर्थिक रूप से भी फायदेमंद साबित हो सकती हैं।

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स्टोरेज की समस्या

सीएनजी कारों का पहला और सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इनमें अतिरिक्त सिलेंडर फिट किया जाता है जिससे कार के बूट स्पेस का काफी हिस्सा घिर जाता है। इससे लंबी यात्राओं पर सामान रखने में काफी दिक्कत होती है।

मेंटेनेंस की आवश्यकता 

सीएनजी कारों की नियमित मेंटेनेंस और सर्विस न करवाने पर इनके इंजन के पुर्जे जल्दी खराब हो सकते हैं। सीएनजी कारों की सेटिंग और मेंटेनेंस के लिए विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है ताकि वे सही तरीके से काम कर सकें।

पिकअप में कमी

सीएनजी कारों का पिकअप पेट्रोल कारों की तुलना में कम होता है खासकर जब पुरानी कार में सीएनजी किट बाद में लगवाई जाती है। इससे कभी-कभी ड्राइविंग के दौरान पिकअप में कमी महसूस होती है जो विशेष रूप से चढ़ाई वाले रास्तों पर या ओवरटेक करते समय परेशानी का कारण बन सकती है।

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सुरक्षा की चिंता

सीएनजी सिलेंडर की सही से देखभाल न की जाए तो इससे बड़े सुरक्षा जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं। सीएनजी कारों में गैस लीकेज की समस्या घातक साबित हो सकती है इसलिए इसकी नियमित जांच और रख-रखाव आवश्यक होता है।