दूध को कच्चा रख दे तो वो फट जाएगा फिर उबालने पर क्यों नही फटता दूध, जाने इसके पीछे का खास कारण

हमारे घरों में दूध को पकाना एक आम प्रक्रिया है। लेकिन कई बार हम इसकी अहमियत और वजह को नहीं समझ पाते।
 

हमारे घरों में दूध को पकाना एक आम प्रक्रिया है। लेकिन कई बार हम इसकी अहमियत और वजह को नहीं समझ पाते। आपको बता दें कि कच्चे दूध को पकाना सिर्फ एक पारंपरिक आदत नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक जरूरत भी है। इस प्रक्रिया के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं जो इसे अनिवार्य बनाते हैं।

क्यों जरूरी है दूध को उबालना?

कच्चा दूध जब लंबे समय तक रूम टेम्परेचर पर रखा जाता है तो उसका पीएच स्तर गिरने लगता है जिससे दूध एसिडिक हो जाता है। इस एसिडिक स्थिति में दूध जल्दी फट सकता है क्योंकि प्रोटीन के कण एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं। इसे रोकने के लिए दूध को बार-बार गर्म करना पड़ता है ताकि उसका पीएच स्तर संतुलित रहे और वह फटे नहीं।

बैक्टीरिया से मुक्ति

दूध में मौजूद बैक्टीरिया उसे खराब कर सकते हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। दूध को उबालने से इन बैक्टीरिया का नाश होता है जिससे दूध सुरक्षित हो जाता है। यह प्रक्रिया लैक्टिक एसिड बनने से भी रोकती है जो दूध के फटने का कारण बन सकती है।

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तापमान में अचानक परिवर्तन और दूध का फटना

यदि दूध को अचानक रूम टेम्प्रेचर से तेज आंच पर गर्म किया जाए तो इसके फटने की संभावना बढ़ जाती है। यह तापमान में तेज परिवर्तन दूध के प्रोटीन संरचना को बाधित करता है जिससे वह अस्थिर हो जाता है और फट सकता है।