तकिए के नीचे फोन रखकर सोते है तो आज ही बदल लो अपनी आदत, वरना जिंदगीभर होगा अफसोस

आधुनिक लाइफ स्टाइल में स्मार्टफोन हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। खासतौर पर रात के समय बिस्तर पर लेटे-लेटे स्मार्टफोन चलाना कई लोगों की आदत में शुमार है। इन ​लोगों के लिए तो बिस्तर के पास चार्जिंग पोर्ट....
 

आधुनिक लाइफ स्टाइल में स्मार्टफोन हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। खासतौर पर रात के समय बिस्तर पर लेटे-लेटे स्मार्टफोन चलाना कई लोगों की आदत में शुमार है। इन ​लोगों के लिए तो बिस्तर के पास चार्जिंग पोर्ट होना किसी वरदान से कम नहीं होता है।

हालांकि यह आदत नींद और स्वास्थ्य पर अवांछित प्रभाव डाल सकती है। स्मार्टफोन के निरंतर उपयोग और इसे बिस्तर के पास रखने की आदत से नींद और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों को देखते हुए यह जरूरी है कि हम स्वस्थ लाइफ स्टाइल के लिए उचित आदतों को अपनाएं।

सोने से पहले स्मार्टफोन का उपयोग सीमित करना और इसे सिर के पास न रखना स्वस्थ नींद के लिए एक सकारात्मक कदम हो सकता है।

नींद में खलल और सोशल मीडिया

रात में जब नींद खुल जाए तो स्मार्टफोन का प्रलोभन अक्सर नींद को उड़ा देता है। इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति सोशल मीडिया स्क्रॉलिंग में घंटों बिता देता है जो कि गहरी और आरामदायक नींद के लिए हानिकारक है। स्मार्टफोन की रोशनी मस्तिष्क को संकेत देती है कि जागने का समय हो गया है जिससे नींद में व्यवधान पैदा होता है।

स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव

स्मार्टफोन से निकलने वाले विद्युत चुम्बकीय रेडिएशन के प्रति चिंताएं व्यापक हैं। अमेरिका के नेशनल टॉक्सिकोलॉजी प्रोग्राम (एनटीपी) द्वारा किए गए अध्ययनों में नर चूहों में रेडिएशन के कारण हृदय ट्यूमर के जोखिम का पता चला है।

हालांकि इन नतीजों को मानव स्वास्थ्य पर सीधे लागू करने में वैज्ञानिकों के बीच असहमति है। फिर भी स्मार्टफोन को सिर के पास रखकर सोने से जुड़े संभावित जोखिमों को नकारा नहीं जा सकता।

सुरक्षित दूरी पर स्मार्टफोन

स्मार्टफोन को रात भर अपने बगल में रखने की आदत से कोई स्पष्ट लाभ तो नहीं है लेकिन नुकसान अवश्य है। यह सलाह दी जाती है कि रात में फोन को एक उचित दूरी पर रखें ताकि इसके प्रभाव से बचा जा सके। विशेषज्ञों का कहना है कि रात्रि विश्राम के समय स्मार्टफोन से दूरी बनाना ही स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।