घर की छत पर सोलर पैनल लगवाना हो तो कितना आएगा खर्चा, सरकार को बिजली बेचकर भी कर सकते है मोटी कमाई

बिजली भारत में कोई बड़ी समस्या नहीं है। बिजली बिल मुश्किल है। भारत में बिजली की लागत अन्य देशों की तुलना में कम है। लेकिन स्थानीय निवासियों का मानना है कि यह सस्ती दर भी उनके लिए महंगी है।
 

बिजली भारत में कोई बड़ी समस्या नहीं है। बिजली बिल मुश्किल है। भारत में बिजली की लागत अन्य देशों की तुलना में कम है। लेकिन स्थानीय निवासियों का मानना है कि यह सस्ती दर भी उनके लिए महंगी है। हाल ही में पता चला कि देश के बिजली प्लांट में सिर्फ कुछ दिन के लिए कोयला बचा है, जो बिजली की समस्या को बड़ा संकट में डाल दिया।

मामला बिगड़ते-बिगड़ते रहे, लेकिन सरकार ने फौरी कार्रवाई की। अभी भी यह कहना असंभव है कि बिजली का संकट हमारे सामने से टल गया है। राष्ट्रीय बिजली सप्लाई में 5% की कमी हुई है, एक रिपोर्ट बताती है। इस कमी को अधिक राज्यों में देखा गया है।

ऐसे में एक सवाल उठता है कि क्या हम बिजली का कोई दूसरा विकल्प खुद नहीं बना सकते? हम अपना काम चला नहीं सकते और खुद बिजली बना नहीं सकते? सोलर पैनल इसका उत्तर है। इसी तरह का पैनल जो छत पर लगाया जा सकता है।

सोलर पैनल की तकनीक को छत पर लगी सोलर प्लेट या रूफटॉप सोलर कहते हैं। भारत में अनंत सौर ऊर्जा संभावनाएं हैं, लेकिन उसका इस्तेमाल कम है। सौर ऊर्जा भारत की तुलना में बहुत कम आबादी वाले देशों से अधिकांश खपत होती है। भारत अभी भी उनकी तुलना में बहुत पीछे है।

लेकिन पहले की तुलना में इस दिशा में तेजी दिखाई देती है। सोलर पैनल छत पर लगाने के कई लाभ हैं। एक तो, बिजली बिल न के बराबर होगा। दूसरा, आप चाहें तो अधिक बिजली उत्पादित कर सकते हैं, इसे सरकार को बेच सकते हैं और इससे कमाई कर सकते हैं।

क्या होता रूफटॉप सोलर पैनल

घरों की छतों पर रूफटॉप सोलर पैनल देखे जाते हैं। रूफटॉप पैनल, छतों पर सोलर प्लेट लगा हुआ है। यह एक प्रकार की तकनीक है जो सूर्य की किरणों से ऊर्जा निकालकर बिजली बनाती है। पैनल में फोटोवोल्टिक सेल्स लगाए जाते हैं, जो सौर ऊर्जा को बिजली बनाते हैं। पावर ग्रिड से आने वाली बिजली की तरह ही यह बिजली काम करती है।

सोलर पैनल के लाभ

सोलर पैनल बहुत लाभदायक हैं। पावर ग्रिड से पैदा की गई बिजली की तुलना में यह सस्ता और उपयोगी है। आप अपने घर में इस बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। इसके लिए आप सरकारी सब्सिडी से सोलर पैनल खरीद सकते हैं।

25 साल तक चलने वाले सोलर पैनल को मरम्मत या मरम्मत की जरूरत नहीं होती। एक बार पैनल लगा दिए गए हैं, तो वे लगातार बिजली पाते रहेंगे। बस इसे नियमित रूप से साफ करना चाहिए ताकि सूरज की रोशनी पैनल पर ठीक से पड़े।

सोलर पैनल को जगह या जमीन की आवश्यकता नहीं है। इसे घर की छत पर कहीं भी डाल सकते हैं। इससे कोई नुकसान नहीं होता। सौर ऊर्जा से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होता है, जो पर्यावरण को बचाता है।

सोलर पैनल की लागत

सोलर पैनल से बिजली बनाने का खर्च पैनल के मॉड्यूल और इनवर्टर पर निर्भर करता है। 1 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाने का मूल्य आम तौर पर 45,000 से 85,000 रुपये है। साथ ही बैटरी की लागत होगी।

5 किलोवॉट का सोलर पैनल लगवाने के लिए लगभग सवा दो लाख से सवा तीन लाख रुपये का खर्च आ सकता है। बिजली बिल की लागत को देखते हुए, आपका बिल पांच से छह वर्ष में जीरो हो जाएगा क्योंकि पूरी लागत पांच से छह वर्ष में निकल जाएगी। बाद में व्यय जीरो होगा।

सब्सिडी के लाभ

घर की छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए केंद्रीय सरकार से अनुदान मिलता है। लेकिन सब्सिडी केवल घरों पर पैनल लगाने के लिए दी जाती है। न कि व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए। 3 किलोवॉट क्षमता वाले सोलर पैनल को 40 परसेंट तक सब्सिडी दी जाती है।

4 से 10 किलोवॉट की क्षमता वाले सोलर पैनल को 20 परसेंट की सब्सिडी दी जाती है, और 10 किलोवॉट से अधिक क्षमता वाले पैनल को कोई सब्सिडी नहीं दी जाती है। आप सब्सिडी पाने के लिए डिस्कॉम की लिंक पर जा सकते हैं या सरकारी टोल फ्री नंबर 1800-180-3333 पर कॉल कर सकते हैं।