धरती पर रहकर चांद जैसी जगह घूमने का मन है तो ये है बेस्ट ऑप्शन, खूबसूरती देखकर तो दिल हो जाएगा खुश
लेह-लद्दाख हमेशा से ही उन लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है जो एडवेंचर की तलाश में हैं। यहां की पैंगोंग झील, मैग्नेटिक हिल, लेह पैलेस और चादर ट्रैक तो प्रसिद्ध हैं ही साथ ही यहां के छिपे हुए खजाने भी लोगों को बहुत लुभाते हैं। सोशल मीडिया पर इन स्थलों की खूबसूरती के दर्शन हो चुके होंगे आपको लेकिन लेह और कारगिल के बीच स्थित लामायुरू गांव की अनोखी जमीन के बारे में जानकारी अभी भी बहुत से लोगों के लिए नई होगी।
लेह-लद्दाख हमेशा से ही उन लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है जो एडवेंचर की तलाश में हैं। यहां की पैंगोंग झील, मैग्नेटिक हिल, लेह पैलेस और चादर ट्रैक तो प्रसिद्ध हैं ही साथ ही यहां के छिपे हुए खजाने भी लोगों को बहुत लुभाते हैं। सोशल मीडिया पर इन स्थलों की खूबसूरती के दर्शन हो चुके होंगे आपको लेकिन लेह और कारगिल के बीच स्थित लामायुरू गांव की अनोखी जमीन के बारे में जानकारी अभी भी बहुत से लोगों के लिए नई होगी।
लामायुरू की अनोखी भूमि
लेह से लगभग 120 किलोमीटर दूर स्थित लामायुरू गांव अपनी विशेष भूमि के लिए जाना जाता है जिसे मून लैंड कहा जाता है। इस स्थान की खासियत यह है कि यहां की जमीन चांद की सतह की तरह दिखती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यहां न तो वनस्पति है और न ही अधिक हवा या दबाव जिससे यह स्थल बहुत ही अनोखा बन जाता है।
भूवैज्ञानिक महत्व
इतिहास के पन्नों में छुपा यह तथ्य कि लामायुरू कभी एक विशाल झील का हिस्सा था आज भी वैज्ञानिकों के लिए अध्ययन का विषय बना हुआ है। माना जाता है कि करीब 35-40 हजार वर्ष पहले यहां एक बड़ी झील थी जिसका पानी समय के साथ सूख गया। झील की चिकनी मिट्टी से दरारे पैदा हो गई जो अब चांद और मंगल की सतह की याद दिलाते हैं।
लामायुरू मोनेस्ट्री का धार्मिक महत्व
कहते हैं कि 11वीं शताब्दी के आसपास नरोपा ऋषि ने उस झील को हटाकर यहां एक मठ की स्थापना की थी। आज यह लामायुरू मोनेस्ट्री लेह-लद्दाख की सबसे प्रसिद्ध मोनेस्ट्रीज में से एक है और इसकी धार्मिक महत्व और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि अनेक यात्रियों को आकर्षित करती है।
वैज्ञानिक और पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण
लामायुरू की यह अनोखी भूमि न केवल टूरिस्टों के लिए बल्कि वैज्ञानिकों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। यह स्थल उनके लिए एक प्रयोगशाला की तरह है जहां वे मंगल ग्रह और चांद की सतह की स्थितियों को समझने के लिए अध्ययन कर सकते हैं।
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लामायुरू मोनेस्ट्री तक कैसे पहुंचे
लेह से लामायुरू मोनेस्ट्री तक पहुंचने के लिए बस सेवाएं उपलब्ध हैं। यहां हर साल युरू कबग्यात नामक एक वार्षिक उत्सव भी आयोजित किया जाता है, जिसमें दुनिया भर से पर्यटक इस अद्भुत नृत्य और सांस्कृतिक प्रदर्शन का आनंद उठाने आते हैं।