हरम में रानियों को हर रात बदलनी होती थी ये खास चीज, कारण पढ़कर हो जाएंगे शर्म से लाल

इटली के लेखक मनूची ने अपनी किताब 'मुगल इंडिया' में मुगल साम्राज्य के हरम के अंदरूनी जीवन के कई रोचक पहलुओं को उजागर किया है.
 

hobbies of queens in Mughal harem: इटली के लेखक मनूची ने अपनी किताब 'मुगल इंडिया' में मुगल साम्राज्य के हरम के अंदरूनी जीवन के कई रोचक पहलुओं को उजागर किया है. मुगल शासक अकबर के समय से शुरू हुआ हरम का चलन, उसके बाद जहांगीर और अन्य मुगल शासकों के काल में भी जारी रहा. हरम में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और यूनानी महिलाएँ शामिल थीं, जो शासकों के साथ उनके निजी क्षणों को साझा करती थीं.

हरम का सामाजिक और सांस्कृतिक असर 

हरम न केवल एक निजी स्थान था बल्कि यह मुगल साम्राज्य के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन पर भी गहरा असर डालता था. यहाँ की महिलाएं अपनी सौंदर्य विधियों, पहनावे और गहनों के चयन के माध्यम से राजदरबार में फैशन और सौंदर्य के मानदंडों को प्रभावित करती थीं. इन महिलाओं के शौक न केवल उनकी निजी पसंद को दर्शाते थे बल्कि वे साम्राज्य की सांस्कृतिक विरासत के बारे में भी बताते थे.

हरम की जीवनशैली

हरम में जीवन विलासिता और सख्त नियमों के बीच बीतता था. रानियां और अन्य महिलाएं अपने शयनकक्ष की चादरें, कपड़े और गहने हर रोज बदलती थीं. वे इतनी सावधानी बरतती थीं कि एक बार इस्तेमाल की गई वस्तुओं को दोबारा हाथ भी नहीं लगाती थीं. इस्तेमाल किए गए कपड़े और गहने उनकी दासियां संभालती थीं.

हरम की अय्याशी और सामाजिक असर

हरम की अय्याशी केवल मुगल शासकों तक सीमित नहीं थी. रानियां भी अपने शौक पूरे करने में कोई कसर नहीं छोड़ती थीं. वे विलासितापूर्ण जीवन शैली का आनंद लेती थीं और साथ ही साथ राजनीतिक और सामाजिक रूप से सक्रिय भी रहती थीं. हरम के भीतर की ये कहानियां हमें न केवल उस समय की विलासिता का परिचय देती हैं बल्कि यह भी बताती हैं कि कैसे मुगल रानियां अपनी सामाजिक स्थिति और साम्राज्य के भीतर अपनी भूमिकाओं के माध्यम से एक एक बड़ा पद संभालती थीं.

मुगल हरम और इतिहास में उनकी भूमिका

मुगल हरम का इतिहास समृद्ध और अलग है. इन हरमों की महिलाओं ने न केवल साम्राज्य की सांस्कृतिक विरासत में योगदान दिया बल्कि अक्सर राजनीतिक निर्णयों में भी अपनी आवाज उठाई. इस तरह के ऐतिहासिक पहलुओं को जानना हमें न केवल उस युग की सामाजिक धाराओं को समझने में मदद करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह इतिहास में महिलाओं की भूमिकाएं अक्सर उनके समय के पुरुष प्रधान समाज में अनदेखी की गई हैं.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं इंटरनेट से ली गई है. इसमें CANYONSPECIALITYFOODS.Com की कोई जवाबदेही नही होगी।