राजस्थान के इन 2 गांवों में लोगों ने नही डाला एक भी वोट, इस कारण के चलते गांव के लोगों ने दिखाई एकता

लोक सभा चुनाव के पहले चरण का मतदान इस बार कुछ गांवों में उत्साह के बजाय सन्नाटे में डूबा रहा। हमीनपुर और गाडोली गांव में तो मतदान की प्रक्रिया का पूर्णतया बहिष्कार किया गया। यहां तक कि एक भी वोट नहीं डाला गया।
 

लोक सभा चुनाव के पहले चरण का मतदान इस बार कुछ गांवों में उत्साह के बजाय सन्नाटे में डूबा रहा। हमीनपुर और गाडोली गांव में तो मतदान की प्रक्रिया का पूर्णतया बहिष्कार किया गया। यहां तक कि एक भी वोट नहीं डाला गया। इसी प्रकार बनगोठड़ी और ठक्करवाला गांव में केवल एक-एक व्यक्ति ने मतदान किया जबकि धीधवां बीचला में मात्र दो व्यक्तियों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।

निर्वाचन आयोग की तैयारियां बेकार

इन गांवों में निर्वाचन आयोग द्वारा की गई सभी तैयारियां व्यर्थ गईं। मतदान केंद्रों पर तैनात अधिकारी और कर्मचारी दिन भर मतदाताओं का इंतजार करते रहे लेकिन मतदान की प्रक्रिया सूनी ही रही।

प्रशासन की समझाइश बेअसर

मतदान बहिष्कार की स्थिति को संभालने के लिए विधायक पितराम सिंह काला और जिला पुलिस अधीक्षक राज ऋषि राज सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ गांव हमीनपुर पहुंचे। जिला निर्वाचन अधिकारी और जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल ने भी दो दिन पहले एक बैठक कर मतदान में भाग लेने की अपील की लेकिन उनकी अपील भी बेअसर रही।

मतदान बहिष्कार के मूल कारण

इस पूरे बहिष्कार का मुख्य कारण जल स्तर में निरंतर हो रही गिरावट है। गांवों के निवासी विशेषकर किसान, पानी के अभाव में अपने भविष्य को लेकर गहरी चिंता में हैं। हमीनपुर और गाडोली के निवासियों ने एक बैठक कर क्षेत्र में यमुना नहर से पानी न आने तक मतदान का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। बाद में अन्य गांवों के लोगों ने भी पानी की मांग को जायज ठहराते हुए चुनाव प्रक्रिया का बहिष्कार करने का निर्णय लिया।