इन देशों में मर्द कर सकता है एक से ज्यादा महिलाओं से शादी, सरकार की तरफ से मिलती है खुली छूट
भारत में एक बार फिर से समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code - UCC) का मुद्दा चर्चा में है। उत्तराखंड (Uttarakhand) की बीजेपी सरकार ने इसे राज्य में लागू करने की दिशा में पहला कदम उठाया है। इस कदम के अंतर्गत उन्होंने UCC से संबंधित बिल पेश किया है। इस बिल के अनुसार मुस्लिम (Muslims) समुदाय भी बिना तलाक दिए एक से ज्यादा शादी नहीं कर सकेंगे।
बहुविवाह की नई पहल
शरियत (Shariat) के अनुसार मुस्लिम पुरुषों को कई शादियां करने की इजाजत है परंतु UCC बिल के प्रस्ताव से इस प्रथा पर नई बहस छिड़ गई है। इस बिल का उद्देश्य समाज में लैंगिक समानता (Gender Equality) और न्याय को बढ़ावा देना है।
दुनियाभर में बहुविवाह का चलन
विश्वभर में 47 देश ऐसे हैं जहां बहुविवाह (Polygamy) को कानूनी मान्यता प्राप्त है। इन देशों में पुरुषों को चार शादियां करने की इजाजत है और उन्हें एक ही घर में चारों पत्नियों को साथ रखने की अनुमति है।
बहुविवाह के विभिन्न आयाम
उत्तरी अफ्रीका (North Africa) और यूएई (UAE) जैसे देशों में भी बहुविवाह को कानूनी दर्जा प्राप्त है। हालांकि, इन देशों में कुछ शर्तों के साथ बहुविवाह की अनुमति है, जैसे कि एक पुरुष को दूसरी महिला से शादी करने के लिए पहली पत्नी से कानूनी करार करना होगा।
इंडोनेशिया में बहुविवाह का प्रचलन
इंडोनेशिया (Indonesia) में बहुविवाह न केवल मुस्लिम समुदाय द्वारा बल्कि गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों द्वारा भी प्रथागत रूप से किया जाता है। यहाँ एक मुस्लिम व्यक्ति अधिकतम चार पत्नियों को रख सकता है जिसे इस्लाम द्वारा अनुमति दी गई है।
उत्तराखंड की पहल
उत्तराखंड सरकार की इस पहल को अगर सफलता मिलती है तो यह भारत में लैंगिक समानता और न्याय की दिशा में एक नया कदम साबित होगा। समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू करना है, जिससे समाज में एकता और समानता को बढ़ावा मिल सके।