दुनिया के इस हिस्से में बसा हुआ है भुलक्कड़ लोगों का गांव, जहां लोगों को गांव का नाम भी नही रहता सही से याद

आज लोगों के पास इतना कुछ होता है कि उन्हें एक साथ कई चीजों का विचार करना पड़ता है। ऐसे में भूल जाना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। किंतु भूलने की यह बीमारी या आदत व्यक्ति के जीवन को बहुत प्रभावित करती है।
 

आज लोगों के पास इतना कुछ होता है कि उन्हें एक साथ कई चीजों का विचार करना पड़ता है। ऐसे में भूल जाना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। किंतु भूलने की यह बीमारी या आदत व्यक्ति के जीवन को बहुत प्रभावित करती है। यह विशेष रूप से भूलने की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए बनाया गया होता तो कितना रोचक होता!

आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताएंगे, जहां लोगों की स्मृति पूरी तरह से खो चुकी है। वे न तो मार्गदर्शन को याद रख पाते हैं और न ही दुकान पर पैसे देकर कुछ खरीद पाते हैं। ऐसे में यहां उन्हें सब कुछ फ्री में मिलता है। यह गांव यूरोपीय देश फ्रांस में बहुत अलग है।

प्रत्येक नागरिक भूलने की बीमारी से पीड़ित

यह सुनने में शायद अजीब लगे, लेकिन लांडेस नामक गांव का हर व्यक्ति डिमेंशिया, या भूलने की बीमारी से पीड़ित है। यहाँ का सबसे बुजुर्ग व्यक्ति 102 वर्ष का है, जबकि सबसे छोटा व्यक्ति 40 वर्ष का है। यह गांव डिमेंशिया से पीड़ित लोगों के लिए बनाया गया है जो छोटी-छोटी बातों को भूल जाते हैं।

शोधकर्ता बोर्डो विश्वविद्यालय से छह महीने बाद आते हैं और प्रायोगिक गांव की प्रगति को देखते हैं। यहां 120 लोग रहते हैं और इतनी ही संख्या में डॉक्टर हैं।

पैसों की कोई आवश्यकता नहीं

यहां रहने वालों को पैसे की आवश्यकता नहीं होती। गांव के चौराहे पर एक सामान्य दुकान है, जहां सब कुछ फ्री में है। दुकानों के अलावा यहां रेस्तरां, थिएटर और कुछ अन्य स्थान हैं जहां लोग जा सकते हैं।

इस गांव में रहने वाले लोगों का परिवार करीब 24300 पाउंड (करीब 25 लाख रुपये) चार्ज देता है, बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार। इसके लिए फ्रांस की स्थानीय सरकार ने भी 179 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया है।