दुनिया में इस जगह दोपहर के टाइम बाहर निकलने में कांपती है लोगों की टाँगे, भूत-प्रेत नही बल्कि कुछ ख़ास है वजह

कुछ जगहें ऐसी होती हैं, जहां इंसान जाकर सुकून महसूस करना चाहता है. वहीं कुछ जगहें ऐसी होती हैं, जहां लोग रह तो सुकून में सकते हैं, लेकिन किसी एक वजह से उनके साथ उनका सुकून खो जाता है. एक ऐसा ही गांव है यूनाइटेड किंगडम में, जहां लोग दोपहर से ही घरों में कैद हो जाते हैं.
 

Town where people are scared to go out: कुछ जगहें ऐसी होती हैं, जहां इंसान जाकर सुकून महसूस करना चाहता है. वहीं कुछ जगहें ऐसी होती हैं, जहां लोग रह तो सुकून में सकते हैं, लेकिन किसी एक वजह से उनके साथ उनका सुकून खो जाता है. एक ऐसा ही गांव है यूनाइटेड किंगडम में, जहां लोग दोपहर से ही घरों में कैद हो जाते हैं.

डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक इस गांव में लोग दोपहर होते ही अपने घरों में कैद हो जाते हैं. ऐसा नहीं है कि ये कोई हॉन्टेड जगह है, बल्कि यहां लोग एक खास वजह से दोपहर से ही सड़कों पर निकलने से डरते हैं. यूनाइटेड किंगडम के पॉन्टीप्रिड (Pontypridd) नाम के गांव में भरी दुपहरी में भी घर से बाहर निकलने का मतलब होता है किसी अनहोनी से दो-चार होना.

ये भी पढिए :- जंगल से प्यासा भटक रहा शिकारी चीता पहुंचा तालाब के पास, शिकार की तलाश में घंटों से घात लगाए बैठा था पानी का राक्षस, पलभर में ही चीते का कर दिया काम तमाम

नशे ने खऱाब कर रखे हैं हालात

पॉन्टीप्रिड (Pontypridd) नाम के गांव में बहुत से लोगों की लत ये है कि वो दिन में ही नशा कर लेते हैं और सड़कों पर टहलते रहते हैं. ये युवा लोग होते हैं. ऐसे में ज्यादातर नागरिक बाहर निकलने से बचते हैं. दरअसल उन्हें चिल्लाते-चीखते हुए देखा जा सकता है , जबकि कई बार तो ये हिंसा भी करने लगते हैं. पिछले 3 महीने में यहां पर गंदे व्यवहार की वजह से 40 लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. ऐसे में लोग यहां बाहर निकलने से ही बचने लगे हैं.

ये भी पढिए :- जाने किस कारण के चलते लीटर में नही होती दारू की बोत्तल, आज जान लो खंभा, अद्धा और पौवा के पीछे का गणित

बाहर से भी नहीं आते हैं लोग

44 साल के एक नागरिक ने बताया जब वे लोग पूरे-पूरे दिन नशे में सड़कों पर मौजूद रहते हैं. उन्हें शराब के कैन और बोतलों के साथ घूमते हुए देखा जा सकता है. वैसे तो ये जगह रहने के लिए अच्छी है, लेकिन नशे की वजह से लोग यहां इनवेस्ट नहीं करना चाहते. यहां दुकानें लगाना भी लोगों के लिए मुश्किल होता है क्योंकि नशेड़ियों का ग्रुप वहां भी वहां पहुंच जाता है.