भारत के इस राज्य में कौड़ियों के भाव में खरीद सकते है ड्राईफ़्रूट्स, यहाँ से बोरियाँ भरकर राज्यों में बेचकर कमाई करते है लोग

सूखे मेवे (Dry Fruits) हमारी सेहत (Health) के लिए अमृत समान हैं। चाहे वह कमजोरी (Weakness) हो या आंखों की रोशनी (Eyesight), दिमाग की तेजी (Sharp Mind) हो या याददाश्त (Memory) में सुधार सूखे मेवे हर मर्ज की दवा हैं।
 

सूखे मेवे (Dry Fruits) हमारी सेहत (Health) के लिए अमृत समान हैं। चाहे वह कमजोरी (Weakness) हो या आंखों की रोशनी (Eyesight), दिमाग की तेजी (Sharp Mind) हो या याददाश्त (Memory) में सुधार सूखे मेवे हर मर्ज की दवा हैं। जामताड़ा की काजू नगरी जहां सूखे मेवे कौड़ियों के दाम में मिलते हैं।

किसानों के लिए आर्थिक संतुलन (Economic Balance) स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। यहां की सस्ती दरें न केवल स्थानीय लोगों के लिए लाभदायक हैं। बल्कि अगर सही योजना और समर्थन प्रदान किया जाए। तो किसानों के लिए भी एक सुनहरा भविष्य हो सकता है।

कीमत की चुनौती

लेकिन काजू (Cashew) और बादाम (Almond) जैसे मेवे अपनी उच्च कीमतों (High Prices) के कारण हर किसी की पहुंच से बाहर होते हैं। एक मुट्ठी भी खरीदने पर जेब ढीली हो जाती है।

झारखंड की सस्ती ड्राई फ्रूट्स मार्केट

भारत में एक जगह है जहां ड्राई फ्रूट्स (Dry Fruits Market) आलू-प्याज (Potato-Onion) की कीमत में मिलते हैं। झारखंड (Jharkhand) के जामताड़ा जिले (Jamtara District) को काजू नगरी (Cashew City) भी कहते हैं, जहां बादाम 40 रुपए प्रति किलो में मिल जाते हैं।

जामताड़ा की कीमतें

जबकि बाजार में काजू की कीमत 900 से 1000 रुपए प्रति किलो (Price Per Kilogram) है, जामताड़ा (Jamtara) में यह सड़क किनारे मात्र 30 से 40 रुपए किलो में मिल जाते हैं।

क्यों सस्ता है जामताड़ा में काजू?

जामताड़ा के नाला गांव (Nala Village) में लगभग 50 एकड़ जमीन पर काजू की खेती (Cashew Farming) की जाती है। इस बड़े पैमाने पर उत्पादन के कारण, स्थानीय लोग बहुत ही सस्ते दाम में मेवे बेचते हैं।

किसानों को नहीं मिलता मुनाफा

जामताड़ा क्षेत्र में काजू की खेती (Cashew Cultivation) से जुड़े किसानों (Farmers) को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता क्योंकि यहां प्रोसेसिंग प्लांट (Processing Plant) की कमी है।