Indian Railway: जाने किस स्पीड से चलने वाली ट्रेन को बोला जाता है सुपरफास्ट ट्रेन,  जाने कितनी होती है सही स्पीड

ट्रेन से तो आपने कई बार सफर किया होगा। टिकट करते टाइम आपने अपनी ट्रेन के नाम के साथ पैसेंजर, मेल, एक्सप्रेस या सुपरफास्ट लिखा देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं इनमें क्या अंतर है।
 

ट्रेन से तो आपने कई बार सफर किया होगा। टिकट करते टाइम आपने अपनी ट्रेन के नाम के साथ पैसेंजर, मेल, एक्सप्रेस या सुपरफास्ट लिखा देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं इनमें क्या अंतर है। कैसे ये एक दूसरे से अलग है? इंडियन रेलवे में स्पीड के हिसाब से कई तरह की ट्रेनें चलती हैं।

आज हम आपको यहां भारतीय रेलवे की Mail, Express, Superfast और Passenger ट्रेनों के बारे में बताएंगे। रेलवे में इन ट्रेनों को यह नाम क्यों दिया गया है और इनका क्या मतलब है।

पैसेंजर ट्रेन (Passenger Train)

पैसेंजर ट्रेन को लोकल रूट पर चलाया जाता है, जहां यह छोटे छोटे स्टेशनों पर रूकते हुए जाती है। इसके किराये की बात करें, तो अन्य ट्रेनों की तुलना में इसका किराया कम होता है। वहीं, इसके स्टॉप अधिक होते हैं। ऐसे में यह समय की अधिक खपत करती है।

मेल एक्सप्रेस ट्रेन (Mail Express Train)

पुराने समय में रेलवे ट्रेनों में एक डाक का डिब्बा लगा देती थी, जिससे डाक भेजा जाता था। इसी से इनका नाम मेल एक्सप्रेस पड़ गया। आज के समय में गाड़ियों से ये डाक के डिब्बे तो हट गए हैं, लेकिन इन्हें आज भी मेल एक्सप्रेस ही कहा जाता है।

यह ट्रेन करीब 50 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलती है। यह जगह जगह रुकती है। कई बार तो हाल्ट पर भी रूक जाती है। पंजाब मेल, मुंबई मेल, कालका मेल, मेल एक्सप्रेस ट्रेनें हैं।

एक्सप्रेस ट्रेन (Express Train)

एक्सप्रेस ट्रेन मेल ट्रेन की तरह होती है। हालांकि, इसके स्टॉप भी अधिक होते हैं। लेकिन एक्सप्रेस ट्रेन, मेल ट्रेन की तरह जगह जगह और हाल्ट नहीं करती। इन ट्रेनों की स्पीड करीब 55 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है। रूट के हिसाब से अलग अलग ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार तय है।

सुपरफास्ट ट्रेन (Superfast Train)

सुपरफास्ट ट्रेन की स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा होती है। इनमें स्टॉपेज कम होते हैं और मेल एक्सप्रेस या एक्सप्रेस ट्रेन की तुलना में इसका किराया अधिक होता है। ये एक राज्य से दूसरे राज्य में चलती हैं।