भारत का अनोखा रेल्वे स्टेशन जहां प्लेटफॉर्म तक जाने के लिए करना पड़ता है रिक्शा, स्टेशन और प्लेटफॉर्म के बीच की दूरी सुनकर नही होगा विश्वास

इस स्टेशन की विशेषता यह है कि यहाँ प्लेटफॉर्म नंबर 1 से दूसरे प्लेटफॉर्म तक जाने के लिए रिक्शा (Rickshaw) का सहारा लेना पड़ता है। कारण? दो प्लेटफॉर्मों के बीच की दूरी 2 किलोमीटर (Kilometers) है।
 

इस स्टेशन की विशेषता यह है कि यहाँ प्लेटफॉर्म नंबर 1 से दूसरे प्लेटफॉर्म तक जाने के लिए रिक्शा (Rickshaw) का सहारा लेना पड़ता है। कारण? दो प्लेटफॉर्मों के बीच की दूरी 2 किलोमीटर (Kilometers) है। यह जानकारी सुनकर कोई भी चकित रह जाएगा कि एक स्टेशन पर ऐसा भी हो सकता है।

बरौनी स्टेशन की खासियत 

बरौनी स्टेशन पर ट्रेनें प्लेटफॉर्म नंबर 2 से 9 तक ही आती-जाती हैं। प्लेटफॉर्म नंबर 1 के लिए कोई अनाउंसमेंट (Announcement) नहीं होती है, क्योंकि वह मौजूद ही नहीं है। यह सुनने में जितना अजीब है, इसकी वजह उतनी ही दिलचस्प है।

स्टेशन का इतिहास और विकास

बरौनी स्टेशन का निर्माण 1833 में हुआ था, जिसमें शुरुआत में केवल एक ही प्लेटफॉर्म था, जिसका उपयोग मुख्य रूप से मालगाड़ियों (Freight Trains) के लिए होता था। यात्री सेवाओं (Passenger Services) के विस्तार के लिए जब नए प्लेटफॉर्म की आवश्यकता महसूस की गई, तो स्थानीय भौगोलिक सीमाओं (Geographical Limitations) के कारण नया स्टेशन 2 किलोमीटर दूर बनाया गया।

भारत का एक अनोखा रेलवे स्टेशन

बरौनी स्टेशन भारत का इकलौता ऐसा स्टेशन है जहाँ प्लेटफॉर्म नंबर 1 नहीं है और प्लेटफॉर्म नंबर 2 से शुरू होते हैं। इस अनूठे तथ्य ने इसे भारतीय रेलवे के इतिहास (History of Indian Railways) में एक विशेष स्थान प्रदान किया है।

बरौनी स्टेशन का नाम बदला 

अब इस स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबरों में परिवर्तन किया जा रहा है, जिससे प्लेटफॉर्म की शुरुआत नंबर 1 से होगी। इस बदलाव से बरौनी स्टेशन की अजीबोगरीब कहानी में एक नया अध्याय (New Chapter) जुड़ जाएगा। 2 किलोमीटर दूर स्थित पुराने प्लेटफॉर्म नंबर 1 का नाम अब न्यू बरौनी (New Barauni) होगा, जिससे यात्रियों के लिए सुविधा और स्पष्टता बढ़ेगी।