गर्मियों में कार को कूल रखने के लिए रखना इन बातों का ध्यान, वरना जेब से देने पड़ेंगे भारी खर्चे

गर्मियां आते ही कार के अंदर का तापमान बढ़ने लगता है जिससे न केवल ड्राइविंग का अनुभव असुविधाजनक हो सकता है बल्कि कार के इंटीरियर को भी नुकसान पहुंच सकता है। इससे बचने का पहला कदम है कार को धूप में....
 

गर्मियां आते ही कार के अंदर का तापमान बढ़ने लगता है जिससे न केवल ड्राइविंग का अनुभव असुविधाजनक हो सकता है बल्कि कार के इंटीरियर को भी नुकसान पहुंच सकता है। इससे बचने का पहला कदम है कार को धूप में न खड़ा करना। यदि संभव हो तो कार को छायादार या कवर्ड पार्किंग में खड़ी करें। इससे कार का तापमान काफी हद तक कम रहता है।

एसी की नियमित सर्विसिंग से रखें केबिन को ठंडा

कार के एसी की समय-समय पर सर्विसिंग करवाना बहुत जरूरी होता है। इससे एसी की कूलिंग एफिसिएंसी बढ़ती है और केबिन जल्दी ठंडा होता है। सर्विसिंग के दौरान एसी फिल्टर की सफाई कूलेंट की जांच और एसी गैस के स्तर की जांच होती है जो गर्मियों के दौरान सुचारू कूलिंग सुनिश्चित करती है।

कूलेंट का लेवल चेक करें 

कार के इंजन को गर्मियों में ठंडा रखने के लिए कूलेंट का सही लेवल बहुत जरूरी होता है। कूलेंट जो इंजन के तापमान को नियंत्रित करता है यदि उसकी मात्रा कम हो तो इंजन ओवरहीट हो सकता है। इसलिए कूलेंट की जांच नियमित अंतराल पर करें और आवश्यकता पड़ने पर इसे बदलें या फिर भरें।

विंडो शेड्स का उपयोग 

जब आप अपनी कार को खुली जगह पर पार्क करने के लिए मजबूर हों तो विंडो शेड्स का उपयोग करें। विंडो शेड्स धूप की सीधी रोशनी को रोककर कार के अंदर के तापमान को काफी हद तक कम कर देते हैं। यह विशेषकर तब उपयोगी होता है जब आपकी कार लंबे समय तक धूप में खड़ी रहती है।

नाइट्रोजन से भरे टायर 

गर्मियों में टायर का तापमान बढ़ने पर उसका प्रदर्शन प्रभावित होता है। टायर में नाइट्रोजन भरने से टायर के तापमान को नियंत्रित रखा जा सकता है जिससे टायर की लाइफ बढ़ती है और ड्राइविंग के दौरान स्थिरता मिलती है। इसलिए गर्मियों में टायर में नाइट्रोजन का उपयोग एक स्मार्ट चुनाव हो सकता है।