कैंसिल टिकट से भी पिछले साल रेल्वे ने कर ली 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई, तरीका जानकर तो आप भी पकड़ लेंगे अपना सर
भारतीय रेल जो कि देश के सबसे बड़े परिवहन नेटवर्कों में से एक है अपनी सेवाओं के जरिए न केवल यात्रियों को उनके गंतव्य स्थल तक पहुँचाता है बल्कि विभिन्न शुल्कों के माध्यम से अच्छी-खासी कमाई भी करता है। जब यात्री अपनी योजना बदलने के कारण टिकट रद्द करते हैं तब रेलवे द्वारा लिया गया रद्द शुल्क रेलवे की आमदनी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है।
उत्तर पश्चिम रेलवे की कमाई का आंकड़ा
विशेष रूप से उत्तर पश्चिम रेलवे जैसे क्षेत्रीय जोन ने इस साल 20 मार्च तक केवल टिकट रद्द शुल्क से ही 111 करोड़ रुपए की भारी रकम जमा की है। इस आंकड़े से पता चलता है कि अगर हम सभी 17 जोन की कमाई को जोड़ दें तो यह राशि काफी बड़ी होगी जो रेलवे के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक है।
दोहरी कमाई का मॉडल
रेलवे द्वारा रद्द शुल्क वसूलने के अलावा एक और दिलचस्प पहलू है जिसे 'डबल कमाई का मॉडल' कहा जा सकता है। जब कोई यात्री टिकट रद्द करता है तो उसकी सीट को रेलवे दूसरे यात्री को आवंटित कर देता है और इस प्रक्रिया में वह सीट से दो बार कमाई कर लेता है। एक तो रद्द शुल्क के रूप में और दूसरी बार उसी सीट के लिए नये टिकट की बिक्री से।
ट्रेन रद्द होने पर रिफंड की प्रक्रिया
इसके विपरीत जब रेलवे किसी तकनीकी या अन्य कारण से ट्रेन को रद्द करता है तो यात्रियों को उनका पूरा टिकट शुल्क वापस कर दिया जाता है जिसे आमतौर पर 6 से 7 दिनों के भीतर रिफंड कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में रेलवे अपनी यात्री-हितैषी नीतियों का पालन करता है जिससे यात्रियों का विश्वास भी बना रहता है।