Liquor Prices Hike: शराब की कीमतो में हुई बढ़ोतरी ने लोगों की उड़ाई रातों की नींद, अब एक बोतल पर लगेंगे इतने रुपए एक्स्ट्रा

आज से प्रदेश में नई आबकारी नीति लागू हो गई है, जिसके चलते अंग्रेजी शराब से लेकर बियर तक की दरों में 15 प्रतिशत तक वृद्धि हो गई है। इस वृद्धि का सीधा असर शराब प्रेमियों पर पड़ेगा, जिन्हें अब अपनी जेब अधिक...
 

आज से प्रदेश में नई आबकारी नीति लागू हो गई है, जिसके चलते अंग्रेजी शराब से लेकर बियर तक की दरों में 15 प्रतिशत तक वृद्धि हो गई है। इस वृद्धि का सीधा असर शराब प्रेमियों पर पड़ेगा, जिन्हें अब अपनी जेब अधिक ढीली करनी पड़ेगी। नई आबकारी नीति के लागू होने से शराब की दरों में वृद्धि हो गई है, जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा।

वहीं आबकारी विभाग ने अपना लक्ष्य बढ़ा दिया है, जिसे पूरा करने के लिए विभाग को कड़ी मेहनत करनी होगी। इस नीति से जहां एक ओर राजस्व में वृद्धि होने की संभावना है, वहीं दूसरी ओर इसका भार आम लोगों पर पड़ेगा जिन्हें अपने मनोरंजन के लिए अधिक मूल्य चुकाना पड़ेगा।

नई आबकारी नीति

नई आबकारी नीति के तहत बियर, ब्रांडी, व्हिस्की और रम की दरों में 150 से 200 रुपये तक की बढ़ोतरी हो गई है। यह वृद्धि शराब प्रेमियों के लिए एक चिंता का विषय है, जिन्हें अपनी मनपसंद पेय पदार्थों के लिए अब अधिक दाम चुकाने पड़ेंगे।

प्रदेश भर में शराब दुकानों का नवीनीकरण

राजधानी सहित प्रदेश भर में शराब दुकानों का नवीनीकरण हो गया है। 95 प्रतिशत दुकानों का नवीनीकरण रिजर्व प्राइस 15 प्रतिशत पर हुआ है। इस नवीनीकरण से राजधानी की 87 शराब दुकानों के लिए लक्ष्य 916 करोड़ तय किया गया है, जो पिछले वर्ष के 793 करोड़ से अधिक है।

आबकारी विभाग का बड़ा लक्ष्य

आबकारी विभाग ने इस वित्तीय वर्ष के लिए 15000 करोड़ रुपए का बड़ा लक्ष्य रखा है। प्रदेश की 3600 कम्पोजिट मदिरा दुकानों का निष्पादन छोटे समूह में किया गया है। यह लक्ष्य पिछले वित्तीय वर्ष से 12.22 प्रतिशत अधिक है, जो कि विभाग के लिए एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य है।

तीन शराब समूहों की नीलामी में देर रात तक मशक्कत

रविवार को तीन समूह आरएसके, हमीदिया रोड और स्टेशन बजरिया के लिए ई-बोली लगाई गई, जिसमें विभाग को 33 टेंडर मिले। इस नीलामी प्रक्रिया में रात तक चली मशक्कत के बाद इन समूहों को रिजर्व प्राइस से कम पर नीलाम कर दिया गया। इससे विभाग को कुल 894 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, जो तय लक्ष्य से 2.42 प्रतिशत कम है।