NCR के इस शहर में शराब की कीमतों में होने वाली है बढ़ोतरी, अगले महीने से बढ़ सकते है 15 प्रतिशत दाम

हरियाणा सरकार ने 2024-25 के लिए एक नई आबकारी नीति की घोषणा की है जो जून से लागू होगी। इस नई नीति के तहत पब और बार में शराब पीना काफी महंगा हो जाएगा।
 

हरियाणा सरकार ने 2024-25 के लिए एक नई आबकारी नीति की घोषणा की है जो जून से लागू होगी। इस नई नीति के तहत पब और बार में शराब पीना काफी महंगा हो जाएगा। आचार संहिता के हटने के बाद यह नीति प्रभाव में आएगी। इसमें बेस लाइसेंस फीस में वृद्धि और कारोबारी घंटों में बदलाव शामिल हैं। इसके चलते निश्चित रूप से बार और रेस्तरां मालिकों के साथ-साथ ग्राहकों की जेब पर भी असर पड़ेगा।

लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी और खुलने के समय में

नई नीति के अनुसार जो बार रात 2 बजे तक खुले रहना चाहते हैं उन्हें अब लाइसेंस फीस के रूप में पहले के मुकाबले दोगुना पैसा देना पड़ेगा। पहले जहां उन्हें 16 लाख रुपये की लाइसेंस फीस देनी पड़ती थी वहीं अब इसे बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया गया है। इस बदलाव से बार और पब के मालिकों में काफी चिंता और हड़कंप मच गया है।

व्यापारियों की चिंताएँ और नाइटलाइफ पर असर 

बार और रेस्तरां मालिकों ने चेतावनी दी है कि नई नीति हरियाणा की नाइटलाइफ के लिए हानिकारक होगी। वे मानते हैं कि दिल्ली के एरोसिटी जैसे प्रतिस्पर्धी मनोरंजन केंद्रों के मुकाबले यह नीति हरियाणा को पीछे धकेल देगी। इससे शहर की नाइटलाइफ का मूड खराब हो सकता है और ग्राहकों की बड़ी संख्या प्रभावित होगी।

असोसिएशन का दृष्टिकोण और विरोध

राहुल सिंह बीयर कैफे के संस्थापक और नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सदस्य ने नई नीति को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। उनका कहना है कि आधी रात के बाद खुले रहने के लिए अत्यधिक शुल्क और शराब परोसने के घंटों में कमी व्यावसायिक रूप से नुकसानदायक होगी। उन्होंने यह भी कहा कि ड्राफ्ट बियर पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने का कोई तर्कसंगत आधार नहीं है जबकि बोतलबंद बियर पर टैक्स कम किया गया है।

छोटे व्यवसायियों पर पड़ने वाला असर 

नई नीति से छोटे व्यवसायियों और स्थानीय रेस्तराओं पर गहरा असर पड़ेगा। व्यापारी इस बात से चिंतित हैं कि बढ़ती लाइसेंस फीस और कम होते कारोबारी घंटे उनके लाभ मार्जिन को प्रभावित करेंगे और उन्हें बाजार में टिके रहने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है। इससे न केवल व्यवसाय प्रभावित होंगे बल्कि स्थानीय रोजगार पर भी असर पड़ेगा।