शराब के ठेकेदारों के लिए मान सरकार ने किया बड़ा ऐलान, आबकारी नीति में किया बड़ा बदलाव
पंजाब सरकार के समक्ष शराब ठेकेदारों (Liquor Contractors) ने एक नवीन प्रस्ताव (New Proposal) रखा है जिसमें नई आबकारी नीति (Excise Policy) के तहत 5 प्रतिशत राजस्व बढ़ोतरी (Revenue Increase) के साथ अपने ठेकों को रिन्यू (Renew) करने की बात कही गई है। यह कदम सरकार को पर्याप्त राजस्व प्रदान करने और ठेकेदारों को आर्थिक नुकसान (Financial Loss) से राहत प्रदान करने के लिए उठाया गया है।
राजस्व और राहत की दिशा में एक कदम
पिछले वर्ष सरकार ने बड़े पैमाने पर शराब ठेकों का नवीनीकरण (Renewal) किया था जिससे सरकार और ठेकेदार दोनों को ही लाभ हुआ था। ठेकेदारों का मानना है कि इस वर्ष भी सरकार द्वारा नई आबकारी नीति के तहत राजस्व में बढ़ोतरी करने का निर्णय उनके लिए फायदेमंद (Beneficial) होगा।
ठेकेदारों की मांगें और सुझाव
ठेकेदारों ने सरकार से प्रति बोतल कीमत में वृद्धि (Price Increase) की भी मांग की है, जिसमें देशी बोतल के दाम में 20 रुपये और बीयर की बोतल के दाम में 30 रुपये की बढ़ोतरी शामिल है। इससे सरकार और ठेकेदारों दोनों के हित संरक्षित (Protected) होंगे।
व्यवसाय की स्थिरता की दिशा में
राज्य में लगभग 60 प्रतिशत ठेकेदार अपने व्यवसाय को रिन्यू करने के इच्छुक (Interested) हैं। ठेकेदारों का यह भी मानना है कि सरकार को नई आबकारी नीति में मौजूदा ठेकेदारों को उक्त राहत प्रदान करनी चाहिए, जिससे उन्हें 1 से 2 प्रतिशत मार्जिन (Margin) की बचत हो सके।
नीति निर्माण में ठेकेदारों की भूमिका
शराब के कारोबार में पहले से ही मुकाबला (Competition) काफी बढ़ चुका है, इसलिए नई आबकारी नीति को ठेकेदारों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया जाना चाहिए। ठेकेदारों की यह मांग न सिर्फ उनके व्यवसाय की स्थिरता (Stability) के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह सरकार के राजस्व में भी योगदान देगी।
समझौते की ओर एक कदम
शराब ठेकेदारों का यह प्रस्ताव सरकार और ठेकेदारों के बीच समझौते (Compromise) की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इससे न सिर्फ राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी होगी बल्कि व्यवसाय की स्थिरता और विकास (Growth) को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार और ठेकेदारों के बीच इस प्रकार की साझेदारी (Partnership) से आर्थिक विकास (Economic Development) को नई दिशा मिल सकती है।