मोदी सरकार ने 5.8 करोड़ राशन कार्ड धारकों पर की कार्रवाई, कही लिस्ट में आपका नाम तो नही
Fake Ration Card News: केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने हाल ही में डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया के तहत बड़े पैमाने पर कदम उठाते हुए 5.8 करोड़ फर्जी राशन कार्डों को रद्द किया है. इससे उन लोगों को बड़ा झटका लगा है जो इस सुविधा का गलत फायदा उठा रहे थे. यह कदम खाद्य सुरक्षा के मानकों को मजबूती मिलती है और यह सुनिश्चित करता है कि सहायता केवल वास्तविक जरूरतमंद तक पहुंचे.
डिजिटलाइजेशन की ओर एक कदम
पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) में डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया ने फर्जी राशन कार्डों की पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आधार सत्यापन और ई-केवाईसी (Aadhaar verification and E-KYC) जैसी तकनीकी प्रक्रियाओं के जरिए, सरकार ने अयोग्य लाभार्थियों को छानने में कामयाबी हासिल की है. यह प्रणाली अनुपयुक्त वितरण को रोकने और संसाधनों की बर्बादी को कम करने में सहायक है.
ई-पीओएस मशीनों की स्थापना
खाद्य सुरक्षा को प्रभावी बनाने के लिए देश भर की उचित मूल्य की दुकानों पर 5.33 लाख ई-पीओएस (E-POS) मशीनें लगाई गई हैं. ये मशीनें अनाज वितरण में आधार सत्यापन (Aadhaar verification in grain distribution) के माध्यम से यह सुनिश्चित करती हैं कि राशन सही व्यक्ति तक पहुंचे. इस प्रक्रिया से गड़बड़ी में कमी आई है और यह खाद्य वितरण को और अधिक पारदर्शी बनाता है.
यह भी पढ़ें- हरियाणा के इस जिले में बड़े मनरेगा घोटाले की खुली पोल, मजदूरों की हाजिरी के लिए लगाया गजब जुगाड़
आधार और ई-केवाईसी से वेरिफिकेशन
सरकार ने बताया कि ई-केवाईसी के माध्यम से लगभग 64% पीडीएस लाभार्थियों का सत्यापन पूरा हो चुका है. इससे लाभार्थियों के डाटाबेस को अधिक सटीक बनाया गया है, जिससे अपात्र व्यक्तियों की पहचान करना और उन्हें बाहर करना संभव हुआ है. यह सत्यापन प्रक्रिया खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
'एक देश एक राशन कार्ड' की सुविधा
‘एक देश एक राशन कार्ड’ योजना के तहत लाभार्थी किसी भी राज्य में अपने राशन कार्ड का उपयोग कर सकते हैं, जिससे उन्हें अधिक लचीलापन मिलता है. यह योजना राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी (portability of ration card) को सक्षम करती है और यह सुनिश्चित करती है कि लाभार्थी को उनके मूल स्थान पर ही नहीं, बल्कि देश के किसी भी हिस्से में राशन प्राप्त हो सके.