मच्छर इतने मीटर दूर से ही अपने टारगेट की कर लेता है पहचान, इस ट्रिक का करते है इस्तेमाल
गर्मी के मौसम की शुरुआत होते ही मच्छरों की बढ़ती संख्या एक बड़ी समस्या बन जाती है। इस समय मच्छर न केवल असुविधा पैदा करते हैं बल्कि वे विभिन्न रोगों के वाहक भी होते हैं। विशेष रूप से मादा मच्छर जो कि इंसानों का खून चूसती हैं डेंगू, मलेरिया जैसे गंभीर रोगों को फैलाती हैं। हालांकि यह भी दिलचस्प है कि नर मच्छर इंसानों को नहीं काटते हैं।
गर्मी के मौसम की शुरुआत होते ही मच्छरों की बढ़ती संख्या एक बड़ी समस्या बन जाती है। इस समय मच्छर न केवल असुविधा पैदा करते हैं बल्कि वे विभिन्न रोगों के वाहक भी होते हैं। विशेष रूप से मादा मच्छर जो कि इंसानों का खून चूसती हैं डेंगू, मलेरिया जैसे गंभीर रोगों को फैलाती हैं। हालांकि यह भी दिलचस्प है कि नर मच्छर इंसानों को नहीं काटते हैं।
नर मच्छर और उनका व्यवहार
ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता कि नर मच्छर इंसानों का खून नहीं चूसते हैं। वे अपनी भूख मिटाने के लिए फूलों के रस पर निर्भर रहते हैं। फिर भी नर मच्छर इंसानों के आसपास अक्सर मंडराते नजर आते हैं। इसकी प्रमुख वजह यह है कि वे कार्बन डाइऑक्साइड का पता लगाने में सक्षम होते हैं जो इंसान श्वास के दौरान छोड़ते हैं। यही कार्बन डाइऑक्साइड उन्हें इंसानों के पास खींच लाता है।
मच्छरों की खोज और शोध
विज्ञानी अब तक यह मानते आए हैं कि नर मच्छर खाने की तलाश में इंसानों के आसपास नहीं आते परंतु नए अध्ययनों से यह पता चला है कि वे भी इंसानों के निकट आकर्षित होते हैं। इसे समझने के लिए एडीज इजिप्टी प्रजाति के नर मच्छरों पर एक विशेष प्रयोग किया गया था जिसमें पाया गया कि वे इंसानों के आसपास ज्यादा समय बिताते हैं। यह अध्ययन जर्नल ऑफ मेडिकल एंटोमोलॉजी में प्रकाशित हुआ था।
नर मच्छरों का इंसानों के आसपास होने का कारण
शोधकर्ताओं का मानना है कि नर मच्छर इंसानों के आसपास मादा मच्छरों की तलाश में रहते हैं क्योंकि मादा मच्छर अक्सर खून चूसने के लिए इंसानों के निकट आती हैं। यह प्रजनन के लिहाज से उनके लिए अनुकूल स्थिति पैदा करता है। इस तथ्य की पुष्टि के लिए अभी और गहन शोध की आवश्यकता है, लेकिन यह स्पष्ट है कि मच्छरों के व्यवहार में अभी भी कई रहस्य छिपे हुए हैं।