हरम की औरतों के साथ रातभर मस्ती करने के लिए हिरन की नाभि से लेकर सोने की भस्म खाते थे मुगल बादशाह, फिर रानियों के कमरे से आती थी ऐसे आवाज़ें

इतिहास हमें बताता है कि कई मुगल नवाब और बादशाह अपने हरम और फिजूलखर्ची के लिए प्रसिद्ध थे।
 

इतिहास हमें बताता है कि कई मुगल नवाब और बादशाह अपने हरम और फिजूलखर्ची के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने इन शौकों को आगे बढ़ाने और अपनी मर्दानगी को बचाने के लिए कई उपाय अपनाए। मुगल और नवाब वीरता बढ़ाने के लिए हिरण की नाभि को सोने की राख के साथ खाते थे. जब वे भारत आए, उन्होंने अपनी खाने की शैली को प्राथमिकता दी, लेकिन बाद में भारतीय भोजन भी शामिल हो गया।

अकबर के हरम में 5000 औरतें हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान के महल में पटियाला के राजा भूपिंदर सिंह की 350 पत्नियां और 86 रानियां थीं। ये तो कुछ उदाहरण भर हैं। शाहजहां, मोहम्मद शाह और उलाउद्दीन खिलजी समेत कई बादशाहों के महिलाओं से संबंध के चर्चे इतिहास पर नजर डालने से पता चलता है कि ऐसे कई नवाब और बादशाह हुए हैं, जो अपने हरम और फिजूलखर्ची के लिए जाने जाते थे।

उन्होंने इन शौकों को आगे बढ़ाने और अपनी मर्दानगी को बचाने के लिए कई उपाय अपनाए। आज भी उनकी कहानियों में यूनानी और आयुर्वेदिक उपचारों का उल्लेख है, जिन्हें वे अपनाते रहे हैं।

बटेर से लेकर पोटेंसी ड्रग तक : दीवान जर्मनदास ने अपनी पुस्तक "महाराज" में ऐसी ही एक घटना बताई है। पुस्तक में, वे ब्रिटिश शासन के तहत राजाओं और राजकुमारियों के निजी जीवन पर चर्चा करते हैं। उसने लिखा कि पटियाला महाराज यौन संबंधों से परेशान थे; वे कभी बटेर खाते थे तो कभी मजबूत ड्रग्स लेते थे। महाराजा ने उसे कमजोर नहीं दिखाने का हर प्रयास किया।

जानकारों ने कहा कि क्योंकि ग्रीक भोजनों में प्रोटीन की कमी होती है, इसलिए वे गर्म मांस खाते थे। यही कारण था कि वे मीट के साथ सूखे मेवे खाते थे और अदरक, खजूर, लहसुन और प्याज भी खाते थे। इन वस्तुओं का वार्मिंग प्रभाव शक्ति बढ़ाता है। कुछ राजाओं ने हरताल वर्किया जड़ी-बूटी को सुपारी में मिलाकर खाया भी है।

मांस और सोने की राख: अवध के नवाब वाजिद अली शाह का एक मामला पुरुष शक्ति को बढ़ाता था, जो उनके काल में बहुत प्रसिद्ध था। प्रतिदिन नवाब का रसोइया खजाने से एक अशर्फी लेकर उसकी सुनहरी राख बनाता था। नवाज का खाने का स्वाद एक दिन बदल गया जब दरबारियों ने उन्हें अशर्फी देने से मना कर दिया। दरअसल, उस रसोइए ने सोने की राख को खाने में मिलाया। इससे खाने का स्वाद बढ़ा और नवाब की मर्दानगी बढ़ी।

जानकारों ने कहा कि क्योंकि ग्रीक भोजनों में प्रोटीन की कमी होती है, इसलिए वे गर्म मांस खाते थे। यही कारण था कि वे मीट के साथ सूखे मेवे खाते थे और अदरक, खजूर, लहसुन और प्याज भी खाते थे। इन वस्तुओं का वार्मिंग प्रभाव शक्ति बढ़ाता है। कुछ राजाओं ने हरताल वर्किया जड़ी-बूटी को सुपारी में मिलाकर खाया भी है।

मांस और सोने की राख: अवध के नवाब वाजिद अली शाह का एक मामला पुरुष शक्ति को बढ़ाता था, जो उनके काल में बहुत प्रसिद्ध था। प्रतिदिन नवाब का रसोइया खजाने से एक अशर्फी लेकर उसकी सुनहरी राख बनाता था। नवाज का खाने का स्वाद एक दिन बदल गया जब दरबारियों ने उन्हें अशर्फी देने से मना कर दिया। दरअसल, उस रसोइए ने सोने की राख को खाने में मिलाया। इससे खाने का स्वाद बढ़ा और नवाब की मर्दानगी बढ़ी।