Mughal Empire: इस हसीना के चक्कर में आकर एक मुगल बादशाह हो गया था कंगाल, ख़ूबसूरती और अय्याशी में लूटा दिया सब

दिल्ली में रहने वाले लाल बंगला को आप शायद जानते होंगे। लेकिन देश के बाहर रहने वाले लोगों से इसका कोई संपर्क नहीं हो सकता। यही कारण है कि इतिहासकार इस लाल बंगले का इतिहास जानते हैं।
 

दिल्ली में रहने वाले लाल बंगला को आप शायद जानते होंगे। लेकिन देश के बाहर रहने वाले लोगों से इसका कोई संपर्क नहीं हो सकता। यही कारण है कि इतिहासकार इस लाल बंगले का इतिहास जानते हैं। मुगल काल में यह लाल बंगला बहुत चर्चा में था।

इम्तियाज महल या लाल कुंवर का मकबरा भी इसका नाम है। लाल कुंवर की चर्चा करने से पहले आपको कुछ बताना होगा। मुगलकाल में, लाल कुंवर एक अलग ही हसीना थी। लाल कुंवर उस वक्त दिल्ली में कोई नहीं जानता था। लाल कुंवर मुगल बादशाह जहांदार शाह की बेगम बन गई।

यह भी कहा जाता है कि जहांदार शाह को अपनी गद्दी से अधिक लाल कुंवर पसंद था। जहांदार शाह ने लाल कुंवर को भोग-विलास और सुख-सुविधाएं दीं। जहांदार शाह और लाल कुंवर की शौक की कहानियां बहुत फैल गई थीं। जहांदार शाह के बारे में कहा जाता है कि वह सुंदर महिलाओं से हमेशा भरा रहता था।

जहांदार शाह और लाल कुंवर निरंतर मदिरा पीने लगे। इन दोनों की खुशियों के कारण ही जहांदार शाह की गद्दी गिर गई, और राज्य डूब गया। जहांदार शाह मारा गया। लाल कुंवर का जीवन इसके बाद बर्बाद हो गया। उसने जीवन भर एक कमरे में बिताया।

लाल कुंवर के बारे में कहा जाता है कि उसने एक मुगल राजा को कंगाली की कगार पर ला दिया था। औरंगजेब का पुत्र जहांदार था। उसके भतीजे फर्रुखसियर ने उसे आगरा की लड़ाई में हराया और जेल में डाल दिया। फर्रुखसियर ने 11 फरवरी, 1713 को जहांदार शाह को मार डाला।

इतिहासकारों ने यह भी बताया है कि लाल कुंवर को हर साल दो करोड़ रुपये भत्ता दिया जाता था। जहांदार शाह की हत्या के बाद लाल कुंवर को सुहागपुरा में रखा गया। यहां विधवाओं ने निवास किया था। लाल कुंवर भी वहीं मर गया।