Mughal Harem: हरम की खूबसूरत रानियों के सामने ही राजकुमारियों से संबंध बनाते थे बादशाह, सुबह तक बिगड़ जाती थी चाल
मुगल साम्राज्य (Mughal Empire) ने हिन्दुस्तान पर वर्षों तक राज किया और उनके शासन काल (Rule Period) के बारे में कई किताबें (Books) और संकलन (Collections) लिखे गए हैं। इतिहास प्रेमियों (History Lovers) के लिए मुगल काल (Mughal Era) की हर एक बात जानना रोचक और उत्सुकता भरा होता है। खासतौर पर, मुगलों के स्वादिष्ट खाने (Delicious Food) के बारे में जानना एक अनूठा अनुभव है।
मुगलों के खान-पान की यह विशेषताएं उनके राजसी ठाठ-बाट (Royal Lifestyle) और उनकी संस्कृति (Culture) के प्रति उनके गहरे लगाव को दर्शाती हैं। इतिहास के पन्नों से झांकती ये कहानियां हमें उस समय के शाही जीवनशैली की एक झलक प्रदान करती हैं।
शाही भोजन की परंपरा
बाबर से शुरू हुई खान-पान की परंपरा को शाहजहां (Shah Jahan) ने न केवल आगे बढ़ाया बल्कि और अधिक भव्यता प्रदान की। हरम में शाही भोजन (Royal Feast) की व्यवस्था थी, जहां बादशाह अपनी बेगम और रखैलों के साथ खाना खाते थे। खाना परोसने का काम किन्नर (Eunuchs) करते थे, और भोजन बनाने से पहले शाही हकीम (Royal Hakim) द्वारा व्यंजनों (Dishes) का चयन किया जाता था।
शाही व्यंजनों का चयन
मुगलों के खाने में रोजाना नए व्यंजन शामिल होते थे, जिनका चयन हकीम द्वारा किया जाता था। हकीम ऐसे व्यंजन और औषधियां (Medicinal Ingredients) शामिल करते थे, जो मुगल शासकों को स्वस्थ और ताकतवर (Healthy and Strong) रखें। व्यंजन मौसम (Season) और बादशाह के स्वास्थ्य के हिसाब से तय होते थे।
चांदी के वर्क और शुद्ध पानी का उपयोग
मुगलों के खाने में चावल के दानों पर चांदी के वर्क (Silver Foil) का उपयोग किया जाता था, जिसका मानना था कि यह पाचन (Digestion) में मदद करता है और कामोत्तेजना (Aphrodisiac) को बढ़ाता है। शाही खाना गंगा नदी (Ganges River) और बारिश के छने हुए पानी (Filtered Rainwater) में तैयार किया जाता था।
मुगल शासकों की स्वास्थ्यवर्धक आहार
मुगल शासकों के खाने की विशेषता उनके आहार में शामिल स्वास्थ्यवर्धक तत्व (Health Enhancing Elements) थे। व्यंजनों का चयन ऐसे किया जाता था जो न केवल स्वादिष्ट होते थे बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी (Beneficial) होते थे। इसके लिए विशेष रूप से चुने गए मसाले (Spices) और जड़ी-बूटियां (Herbs) का उपयोग किया जाता था।