Mughal Harem: मुगल हरम में महिलाओं के इस अंग को देखकर मिलती थी एंट्री, फिर बादशाह को संतुष्ट करने के लिए दिनरात होता था ये काम

मुगल हरम की स्थिति और उसमें रहने वाली महिलाओं की अवस्था इतिहास में एक महत्वपूर्ण विषय है। हरम में रहने वाली महिलाएं अपने अंदर के विशेषाधिकारों और पूर्वाग्रहों के बीच फंसी रहती थीं।
 

मुगल हरम की स्थिति और उसमें रहने वाली महिलाओं की अवस्था इतिहास में एक महत्वपूर्ण विषय है। हरम में रहने वाली महिलाएं अपने अंदर के विशेषाधिकारों और पूर्वाग्रहों के बीच फंसी रहती थीं। वे समर्थित होतीं, लेकिन सम्मानित नहीं।

हरम में बुजुर्ग और बीमार महिलाएं की स्थिति और अवस्था निश्चित रूप से कठिन थी। वे अपनी कमजोरियों के कारण अधिकतर समय अलग कमरे में रहने को मजबूर रहतीं थीं। बादशाह के इच्छुक या प्रियतमा अनुसार उन्हें बाहर जाने की इजाजत नहीं थी।

वे आम रूप से हरम के सबसे आखिरी कमरे में ही रहतीं थीं। बुजुर्ग और बीमार महिलाओं की देखभाल का ध्यान रखने के लिए चिकित्सा और वैद्यकीय सुविधाएं हरम में उपलब्ध थीं, लेकिन उन्हें बादशाह और अन्य अधिकारियों की तुलना में कम प्राथमिकता दी जाती थी।

अगर कोई महिला गंभीर रूप से बीमार हो जाती थी और उसकी उम्र भी अधिक हो जाती थी, तो उसे आम रूप से मरने के लिए छोड़ दिया जाता था। हरम के माहौल में बुजुर्ग और बीमार महिलाएं खुद के आपसी संबंधों से अलग रहतीं थीं और उन्हें दूसरों से अलग रखा जाता था।

यह एक त्रासदीपूर्ण और संघर्षपूर्ण जीवन था, जिसमें महिलाएं अपने स्वार्थ के लिए संघर्ष करनी पड़तीं थीं। इस रूप में, वे अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता के लिए लड़तीं थीं, लेकिन उन्हें समाज में व्यावसायिक या राजनीतिक स्तर पर कुछ विशिष्ट मान्यता नहीं मिलती थी।