Mughal Harem: हरम में इन जड़ी बूटियों की रहती थी खूब डिमांड, रानी के साथ रासलीला शुरू करने से पहले जमकर खाते थे बादशाह

इतिहास को देखकर पता चलता है कि बहुत से नवाबों और बादशाहों ने अपनी हरम और रंगीनियत के लिए प्रशंसा प्राप्त की है।
 

इतिहास को देखकर पता चलता है कि बहुत से नवाबों और बादशाहों ने अपनी हरम और रंगीनियत के लिए प्रशंसा प्राप्त की है।

इनकी रुचि को पूरा करने के लिए उन्होंने विभिन्न नुस्खे अपनाए, ताकि उनकी मर्दाना ताकत को बरकरार रखा जा सके। अब भी इनकी कहानियों में यूनानी और आयुर्वेदिक नुस्खों का उल्लेख मिलता है जो वे अपनाते थे।

1 तीतर-बटेर और शक्तिवर्धक दवाए

दीवान जरमनी दास ने अपनी पुस्तक "महाराजा" में ऐसा ही एक कहानी लिखी है। उसकी पुस्तक में अंग्रेजों के राज में राजाओं और राजकुमारियों की व्यक्तिगत जीवन की चर्चा की गई है। उन्होंने लिखा कि पटियाला के महाराजा यौन संबंधों से परेशान थे

र्दाना कभी-कभी तीतर-बटेर खाते थे, तो कभी-कभी शक्तिवर्धक दवाएं लेते थे, ताकि अपनी ताकत बढ़ा सकें। महाराजा ने हर तरह की कोशिश की ताकि उन्हें कमजोर नहीं दिखाया जाए।विशेषज्ञों का कहना है कि यूनानी नुस्खों में प्रोटीन की आवश्यकता बताई गई, जिसकी पूर्ति के लिए वे गर्म मांस खाते थे।

यही कारण था कि गोश्त के साथ सूखे मेवे खाते थे। उसने प्याज, लहसुन, खजूर और अदरक भी खाया था। ये गर्म चीजें बल बढ़ाती थीं। कुछ राजाओं ने पान में हरताल वर्किया जड़ीबूटी मिलाकर खाया था।

2 गोश्त और सोने की भस्म

अवध के नवाब वाजिद अली शाह ने मुर्दों की शक्ति को बढ़ाने के लिए कहानी सुनाई, जो अपने समय में बहुत लोकप्रिय हुई। हर दिन नवाब का बावर्ची खजाने से एक अशर्फी लेकर स्वर्णभस्म बनाता था। नवाज के खाने का स्वाद एक दिन बदल गया जब दरबारियों ने उसे अशर्फी देने से मना कर दिया। वास्तव में, उसने बावर्ची खाने में स्वर्ण भस्म मिलाया। ऐसा करने से खाने का स्वाद बढ़ता था और नवाब की मर्दाना ताकत बढ़ती थी।

यह चलन सिर्फ नवाबों में नहीं था, बल्कि मुगल बादशाओं के शाही भोजन में भी देखा गया था। आयुर्वेद में कई तरह के रस और भस्म बताए गए हैं। कुछ मुगल शासक पान में भस्म और उबला हुआ गोश्त खाते थे।इतिहास बताता है कि कुछ मुगल शासक इंद्रगोप के कीड़े, जंगली खरगोश और काले हिरण की नाभि को खाते थे। उन्हें लगता था कि ये मर्दाना शक्ति को बढ़ाते हैं।

यह बिल्कुल नहीं है कि इन नुस्खों से राजाओं को सिर्फ लाभ हुआ है। यद्यपि इससे उनकी मर्दाना शक्ति में सुधार हुआ है, लेकिन इसके कई दुष्परिणाम भी देखे गए हैं। Power boosters ने राजाओं को प्रोस्टेट ग्रंथि के कई लक्षण दिखाए।