Mughal Harem: मुगल हरम में अकबर का बेहद ख़ास था ये किन्नर, बादशाह को खुश करने के लिए हरम में करता था बेहद ख़ास काम

करीब पांच दशक तक मुगल बादशाह अकबर ने दिल्ली पर शासन किया। अकबर के नवरत्नों और उनके दरबारियों के कई रोचक किस्से हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अकबर काल में किन्नर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।
 

करीब पांच दशक तक मुगल बादशाह अकबर ने दिल्ली पर शासन किया। अकबर के नवरत्नों और उनके दरबारियों के कई रोचक किस्से हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अकबर काल में किन्नर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। उनका बहुत महत्व था। इतना ही नहीं, मुगलों के हरम की सुरक्षा करना भी किन्नरों का काम था।

मुगलों के हरम में किन्नरों की मर्जी के बिना कोई भी व्यक्ति नहीं जा सकता था। इसके अलावा मुगल बादशाह अकबर का एक ऐसा भी किन्नर जो बहुत खास था। जो अकबर के लिए जासूसी भी करता है था। आइए जानते हैं कि इस किन्नर का नाम क्या था और यह अकबर के लिए इतना खास कैसे हुआ। 

बता दें कि इतिमाद खान नाम का एक किन्नर था जो मुगल बादशाह अकबर का सबसे खास था। किन्नर इतिमाद खान अकबर को गुप्त रूप से उनके खिलाफ चल रही सारी साजिशों के बारे में बताया करता था। वो एक तरह से अकबर के सबसे भरोसेमंद लोगों में से एक था।

यह भी कहा जाता है कि मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल में किन्नर इतिमाद खान सबसे बड़ा अफसर मे से एक था। अकबर ने किन्नर इतिमाद खान को वित्त और सुरक्षा के महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया था। वह मुगल बादशाह अकबर को कई मामलों में सलाह भी देता था।

माना जाता है कि अकबर ने किन्नरों को हरम की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी दी थी। बादशाह के सौतेले भाई अधम खान को अकबर शासनकाल में एक बार नियामत नाम के एक किन्नर ने हरम में नहीं जाने दिया था।

गौरतलब है कि हरम संस्थागत अकबर के दौरान ही बनाया गया था, हालांकि वह पहले भी कई बादशाहों के अधीन रहा था। अकबर के शासन काल में हरम की सुरक्षा कई स्तरों पर की जाती थी।

यह दिलचस्प बात है कि किन्नर ही हरम की सबसे अंदर की सुरक्षा की लेयर में तैनात हुआ करते थे। मुगल बादशाह के सिवाय हरम मे किसी अन्य पुरुष को नहीं जाने दिया जाता था।