मुगल अपनी बेटियों को जिंदगीभर रखते थे कुंवारी, इस डर के कारण नही करते थे शादी
Mugal Harm: मुगल सम्राटों ने अपने शासनकाल के दौरान अनेक नियम और कानून बनाए गए जिनका पालन सख्ती से किया जाता था. इस दौरान राज्य और प्रशासनिक प्रणाली में व्यवस्थित ढांचा बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया. शासकों का मानना था कि सख्त नियमों से ही साम्राज्य में स्थिरता और विकास संभव है.
शहजादियों के विवाह की अनोखी परंपरा
मीडिया रिपोर्ट और इतिहासकारों के अनुसार मुगल काल में शहजादियों की विवाह प्रथा बेहद खास थी. शहजादियों की शादी उनके करीबी रिश्तेदारों से की जाती थी ताकि शाही खून की शुद्धता बनी रहे. इस प्रथा का मुख्य उद्देश्य संपत्ति और सत्ता को शाही परिवार में ही सीमित रखना था.
सत्ता और संपत्ति की सुरक्षा
मुगल शासकों को यह डर था कि यदि शहजादियों का विवाह बाहरी राजघरानों में होता तो संभवत: संपत्ति का बंटवारा (property division fears) और सत्ता के लिए संघर्ष उत्पन्न हो सकता था. इसी भय से मुगलों ने अपनी वंश परंपरा को बनाए रखने के लिए शहजादियों का विवाह अपने ही खानदान में करवाया.
वंशवाद का महत्व
मुगल साम्राज्य में वंशवाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था. शासक अपने वंश को श्रेष्ठ और अच्छा मानते थे, और इसी वजह से वे परिवार में ही विवाह को प्राथमिकता देते थे (importance of dynasty). इससे शासक वंश में किसी बाहरी व्यक्ति के शामिल होने का खतरा कम होता था.
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शाही परिवार की शादियों का सामाजिक असर
मुगल शासकों का मानना था कि विवाह केवल परिवार के भीतर ही होने चाहिए ताकि शाही खानदान की पवित्रता और शक्ति बनी रहे. यही कारण था कि वे अपनी शहजादियों का निकाह बाहर नहीं करवाते थे (social impact of royal marriages). इस प्रक्रिया से शासकों का उद्देश्य अपनी सत्ता को सुरक्षित रखना और साम्राज्य को अखंड बनाए रखना था.
(Disclaimer:इस लेख में दिए गए तथ्य मुगलकालीन, आधुनिक इतिहासकारों और उनकी किताबों में लिखे तथ्यों पर आधारित है। CANYONSPECIALITYFOODS.Com इसमें दिए गए किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता।