यूपी के इस जिले में बसाया जाएगा नया इंडस्ट्रीयल सिटी, इन 33 गांवो की जमीनों का होगा अधिग्रहण

उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक विकास को नई गति प्रदान करने का संकल्प लिया है। योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार ने 'बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण' के गठन की मंजूरी दी है, जिससे क्षेत्र में...
 

उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक विकास को नई गति प्रदान करने का संकल्प लिया है। योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार ने 'बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण' के गठन की मंजूरी दी है, जिससे क्षेत्र में औद्योगिकीकरण की दिशा में एक नया अध्याय शुरू होगा।

बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण का गठन न केवल एक क्षेत्रीय विकास की कहानी है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश के विकास की नई दिशा को भी दर्शाता है। इससे बुंदेलखंड में एक नए युग की शुरुआत होगी। जिसमें विकास और प्रगति के नए मानदंड स्थापित होंगे।

नई उम्मीदों का सवेरा

इस नई पहल का मकसद बुंदेलखंड को एक नई औद्योगिक पहचान देना है। 1976 में नोएडा के गठन के बाद उत्तर प्रदेश में यह पहली बार है जब ऐसा कोई औद्योगिक विकास प्राधिकरण गठित किया जा रहा है। वित्त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के अनुसार इसके गठन से बुंदेलखंड के विकास की गति को एक नई दिशा मिलेगी।

भविष्य की ओर पहला कदम

इस प्राधिकरण के गठन के साथ ही बुंदेलखंड में लगभग 6 हजार 312 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जाने वाली नई औद्योगिक योजनाओं का आरंभ होगा। इसमें 33 राजस्व गांवों की 35 हजार एकड़ जमीन का उपयोग किया जाएगा। जिसमें से 8 हजार एकड़ जमीन ग्राम समाज की है।

विकास की नई दिशा

इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ बुंदेलखंड क्षेत्र का चेहरा बदलेगा, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के विकास में भी यह एक महत्वपूर्ण योगदान देगा। झांसी जो कि इस प्रोजेक्ट का केंद्र बिंदु है। झांसी न सिर्फ रेलवे कनेक्टिविटी में एक बड़ा केंद्र बनेगा, बल्कि इससे आस-पास के क्षेत्रों के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

योगी सरकार की इस पहल से बुंदेलखंड क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में भारी वृद्धि होने की उम्मीद है। औद्योगिक विकास से न सिर्फ आर्थिक समृद्धि आएगी, बल्कि समाज के हर वर्ग के लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा। इस बड़े कदम के साथ बुंदेलखंड क्षेत्र नई उचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है।