गाय या भैंस नही बल्कि इस जानवर का दूध है 5000 रुपए लीटर, बिजनेस की कमाई देखकर तो हो जायेगी मौज
गाय और भैंस के दूध से कमाई का विचार भले ही सदियों पुराना हो लेकिन आज हम आपको एक नए और अनूठे कारोबार से परिचित कराने जा रहे हैं। गुजरात के पाटन जिले के धीरेन सोलंकी ने गधी के दूध का कारोबार शुरू किया है जिससे वे हर महीने लाखों रुपये कमा रहे हैं।
धीरेन ने 42 गधों के साथ अपने डंकी फार्म की शुरुआत की और गधी के दूध को 5,000 रुपये प्रति लीटर की दर से ऑनलाइन बेचते हैं। इस दूध की खास मांग दक्षिण भारत में है जहां इसे एक मूल्यवान वस्तु माना जाता है।
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क्षेत्रीय मांग और व्यापारिक विस्तार
शुरुआती दौर में गुजरात में इस दूध की मांग कम थी लेकिन धीरेन ने दक्षिण भारत की कंपनियों में इसे पहुंचाने का निर्णय लिया। खासतौर पर कर्नाटक और केरल में स्थित कॉस्मेटिक कंपनियां इस दूध को अपने उत्पादों में प्रयोग करने लगीं। इस प्रकार वे क्षेत्रीय बाजारों में अपनी पहचान और विस्तार दोनों स्थापित करने में सफल रहे।
गधी के दूध की विशेषता और उसका महत्व
गधी के दूध की कीमत 5,000 से 7,000 रुपये प्रति लीटर के बीच होती है जो इसे बाजार में एक प्रीमियम उत्पाद बनाती है। इसके अलावा ताजगी को बनाए रखने के लिए दूध को फ्रीजर में संग्रहित किया जाता है और इसे पाउडर फॉर्म में भी बेचा जाता है।
जिसकी कीमत एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक हो सकती है। धीरेन की यह उम्मीद है कि राज्य सरकार भी इस क्षेत्र पर ध्यान देगी और इसे बढ़ावा देगी।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य और आधुनिक उपयोगिता
प्राचीन समय से ही गधी के दूध का उपयोग कई तरह की बीमारियों के उपचार में किया जाता रहा है। यहाँ तक कि मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा और यूनानी चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स भी इसका उपयोग किया करते थे। आज भी इसकी उपयोगिता कम नहीं हुई है खासकर उन शिशुओं के लिए जिन्हें गाय के दूध से एलर्जी है।
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इंसानी दूध के समान गुणों वाला गधी का दूध
गधी के दूध का कंपोजिशन इंसानी दूध के समान होता है जिससे यह शिशुओं के लिए एक उत्तम विकल्प बन जाता है। यह न केवल आंत के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है बल्कि इम्यूनिटी बढ़ाने और डायबिटीज में भी मददगार है। इस तरह गधी के दूध का बाजार धीरे-धीरे विस्तार पा रहा है और यह एक स्वस्थ तथा टिकाऊ विकल्प के रूप में उभर रहा है।