गेंहू या धान नही बल्कि इस खेती से मोटी कमाई कर रहा किसान, हर रोज हो रही है 20 से 30 हजार की कमाई

बागवानी और फूलों की खेती पारंपरिक खेती की तुलना में अधिक लाभदायक है।
 

बागवानी और फूलों की खेती पारंपरिक खेती की तुलना में अधिक लाभदायक है। धान और गेहूं की तुलना में फूल और फल की खेती से किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है। हरियाणा के फरीदाबाद जिले में एक प्रगतिशील किसान प्रदीप सैनी रजनीगंधा फूल की खेती करते हैं।

सरकार और हॉर्टिकल्चर (horticulture) द्वारा दी गई सब्सिडी और ज्ञान से उन्हें इस पुश्तैनी खेती में बहुत लाभ हुआ है। HRD ने बताया कि प्रदीप सैनी का परिवार 1983 से रजनीगंधा खेती कर रहा है। डॉ. प्रदीप ने कहा कि हॉर्टिकल्चर विभाग बहुत कुछ देता है। राज्य सरकार नए किसानों को किला के रूप में 24,000 रुपये देती है। 

रोजाना 20-30 हजार रुपये की कमाई

250 किसान फूलों की खेती करते हैं। धान-गेहूं वालों से ज्यादा पैसा कमा रहे हैं। वह हर दिन मंडी में जाकर 20 से 30 हजार रुपये लाते हैं। उनका गुजर-बसर अच्छा है। धान-गेहूं बोने वाले किसान छमाही में पैसा देखते हैं। इससे उन पर ब्याज बढ़ता है। रजनीगंधा की खेती (Rajnigandha ki Kheti) करने वाले किसानों को प्रतिदिन 20-30हजार रुपये की कमाई होती है। रोजाना गाजीपुर मंडी में फूल बेचते हैं। 

रजनीगंधा की डिमांड भी तगड़ी

Rajnigandha भी तगड़ी है। यह भी थाईलैंड जाता है। फूल काटकर ग्रिड बनाओ। हल्के फूल एक तरफ और बड़े फूल एक तरफ होते हैं। सस्ते फूलों की तुलना में अच्छे फूल अधिक महंगे होते हैं।

नए किसानों को ट्रेनिंग भी देती है हरियाणा सरकार

उनका कहना है कि राज्य सरकार भी नए किसानों को ट्रेनिंग देती है। सरकार भी उनका योगदान देती है। नए किसानों को 24,000 रुपये की किला सब्सिडी भी मिलती है। प्रदीप सैनी ने रजनीगंधा की खेती की है। वह हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग को इसका काफी श्रेय देते हैं। Rajnigandha ki kheti (फूलों की खेती) से उन्हें और उनके परिवार को दैनिक आय मिल रही है। हरियाणा के किसान अपनी परेशानियों को हल करने के लिए 1800-180-2021 टोल फ्री नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।