Ola या Ober ड्राइवर अब जानबूझकर केंसिल नही कर पाएगा राइड, वरना लगेगा 70 रुपए का जुर्माना और पैसेंजर को मिलेंगे इतने रुपए

ओला और उबर से कैब तो आसानी से बुक हो जाती है। लेकिन डर रहता है कि कहीं ड्राइवर कैश या किसी दूसरे कारण से कैब कैंसिल न कर दे। पैसेंजर को सबसे ज्यादा टेंशन इसी की टेंशन होती है।
 

ओला और उबर से कैब तो आसानी से बुक हो जाती है। लेकिन डर रहता है कि कहीं ड्राइवर कैश या किसी दूसरे कारण से कैब कैंसिल न कर दे। पैसेंजर को सबसे ज्यादा टेंशन इसी की टेंशन होती है। अगर आप भी इसी चीज से परेशान हैं तो आपके लिए यह राहत की खबर हो सकती है।

ओला और उबर ड्राइवर को राइड कैंसिल करने पर प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। महाराष्ट्र सरकार एक नए प्रस्ताव पर विचार कर रही है जो इन कंपनियों को उन ड्राइवरों पर जुर्माना लगाने की अनुमति देगा जो अक्सर बुक की गई सवारी को रद्द करते हैं। 

स्पेशल ग्रुप ने की ये सिफारिश

एचटी की खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियुक्त एक स्पेशल ग्रुप ने एक सिफारिश की है जो उबर और ओला जैसे राइड सर्विस के यूजर्स के लिए राहत की बात हो सकती है।

ग्रुप ने कहा कि इन सर्विसिस के यूजर्स को बुक की गई सवारी को ड्राइवर द्वारा रद्द कर दिए जाने पर अपने पैसे वापस मिल जाने चाहिए।

अभी राइड कैंसिल पर पैसेंजर को देने पड़ते हैं पैसे

वर्तमान में, उबर और ओला जैसे सवारी सेवाओं के यूजर्स को बुकिंग के बाद सवारी रद्द करने पर शुल्क देना पड़ता है, भले ही कैब रास्ते में हो। हालांकि, ड्राइवरों के लिए कोई समान नियम नहीं है। ड्राइवर बिना किसी स्पष्ट कारण के बुक की गई सवारी को रद्द कर सकते हैं, और उन पर कोई शुल्क नहीं लगता है। 

यह चीजें भी रखीं सामने

महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियुक्त एक विशेष समूह ने राइडशेयरिंग सर्विस को और अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए कई सिफारिशें की हैं। ग्रुप ने कहा कि टैक्सी कैब को 20 मिनट के अंदर पिकअप प्वाइंट पर पहुंचना चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें जुर्माना लगाया जाना चाहिए।

ग्रुप की सिफारिशों को अभी भी सरकार द्वारा मंजूरी दी जानी बाकी है। लेकिन, अगर उन्हें मंजूरी मिल जाती है, तो यह एक बड़ा बदलाव होगा जो यात्रियों के लिए सवारी सेवाओं को अधिक विश्वसनीय बना सकता है।