कभी 9 रुपए में इस्तेमाल करने के लिए मिलता था 35MB का कूपन, पुराने दिनों को याद करके लोगों को हुई हैरानी
मौजूदा वक्त पर मोबाइल डेटा रिचार्ज करने के लिए चंद बटन दबाने की जरूरत पड़ती है। घर बैठे-बैठे कुछ सेकंड में तीन महीने तक के लिए डेटा रिचार्ज हो जाता है लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब मोबाइल शॉप पर जाकर ही फोन रिचार्ज होते थे। इस काम के लिए स्क्रैचकार्ड का इस्तेमाल होता था।
आज हम प्रति दिन डेढ़ जीबी डेटा का लुत्फ उठाते है लेकिन उस दौर में एक माह के लिए एक जीबी डेटा भी 250 से 300 रुपये में मिलता था। इस वक्त सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जो स्क्रैच कार्ड के जमाने की है।
लोगों ने कहा यादें कभी धुंधली नहीं होतीं
यह पिक्चर एयरटेल मोबाइल कंपनी की है, जिसमें महज 35 एमबी डेटा के लिए तब कंपनी नौ रुपये चार्ज करती थी। इतने रुपये में केवल 2जी डेटा मिलता था, जिसकी वैधता 24 घंटे की थी। एमिनेंट वोक नामक एक्स अकाउंट से शेयर की गई तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा गया, ‘प्राचीन भारत में डेटा की कीमतें’!
इसपर एक व्यक्ति ने कमेंट किया, ‘यादें कभी धुंधली नहीं होतीं।’ एक अन्य शख्स ने लिखा, ‘मैंने 2012 में 24 घंटे के लिए 199 रुपये का एयरटेल 3जी 1 जीबी डेटा खरीदा था और उस समय मुझे अमीर खुद को महसूस किया।’ एक यूजर ने कहा कि मुझे घोटाले के दौर की याद आ गई। एक यूजर कहता है कि तब 2जी अच्छा चलता था, अब 3जी भी अच्छा नहीं चलता।
कब आई इंटरनेट क्रांति?
भारत में मोबाइल डेटा की कीमतों में गिरावट का श्रेय रिलायंस जियो को जाता है। 2016 में जियो ने सस्ते इंटरनेट की शुरुआत की थी, जिसके बाद एकाएक सड़कों पर जियो का सिम कार्ड खरीदने के लिए यूजर्स की लाइन लग गई थी।
इसके बाद सभी अन्य कंपनियों को डेटा के दाम काम करने पड़े। तब से अब तक प्रति दिन हम कम से कम डेढ़ जीबी डेटा के प्लान का लुत्फ उठा रहे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि जियो के आने के बाद भारतीय यूजर्स की आदतों में बड़ा बदलाव आया।
डेटा सस्ते होने के बाद इससे जुड़े स्टार्टअप भी अस्तित्व में आए। मौजूदा वक्त में ऑनलाइन गेमिंग से लेकर ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी के लिए हम डेटा का इस्तेमाल करते हैं।
नेटफ्लिक्स और एमाजॉन जैसी कंपनियों पर हम अच्छा कंटेंट भी जियो द्वारा सस्ते इंटरनेट की शुरुआत करने के बाद ही अपने मोबाइल पर किसी भी वक्त देख पाए।