ऑनलाइन पेमेंट करना भारतीय लोगो के लिए बना मुसीबत, सुविधा हुई पर बढ़ गया खर्चा

भारत समेत पूरी दुनिया में बदलते समय के साथ कैशलेस पेमेंट के इस्तेमाल में तेजी आई है। आज के तकनीकी युग में जहां हर चीज़ डिजिटल हो गई है वहीं पेमेंट के तरीकों में भी क्रांति आई है।
 

भारत समेत पूरी दुनिया में बदलते समय के साथ कैशलेस पेमेंट के इस्तेमाल में तेजी आई है। आज के तकनीकी युग में जहां हर चीज़ डिजिटल हो गई है वहीं पेमेंट के तरीकों में भी क्रांति आई है। क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, और यूपीआई जैसे माध्यमों ने कैश की जगह ले ली है। इससे लोगों के खर्च करने की आदतों में भी बदलाव आया है।

कैशलेस लेन-देन का असर 

मेलबर्न यूनिवर्सिटी और Adelaide यूनिवर्सिटी की एक संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार जिसमें 17 देशों के 71 पेपर का अध्ययन किया गया है यह पाया गया है कि डिजिटल लेनदेन बढ़ने से लोगों ने पारंपरिक रूप से हिसाब रखने की प्रक्रिया में कमी आई है। पहले जहां लोग डायरी में लिखकर खर्च का हिसाब रखते थे वहीं अब वे डिजिटल तरीके से जल्दी लेनदेन करना पसंद करते हैं।

कैश बनाम कैशलेस

रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि कैश के बजाय कैशलेस पेमेंट माध्यमों का उपयोग करने से लोगों के खर्च करने की प्रवृत्ति में बढ़ोतरी होती है। कैश का इस्तेमाल करते समय लोग अपने हाथों से पैसे गिनते हैं जिससे उन्हें खर्च की मात्रा का भान होता है और वे सोच-समझकर खर्च करते हैं। वहीं कैशलेस पेमेंट में यह तात्कालिकता और भौतिक संपर्क की कमी के कारण खर्च का संयम कम हो जाता है।