इस तरह की प्रॉपर्टी को चाहकर भी नही बेच सकते माता-पिता, हाईकोर्ट ने लिया बड़ा डिसीजन

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में एक याचिका पर विचार करते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है जिसमें नाबालिग की संपत्ति की बिक्री के संबंध में कठोर दिशा-निर्देश के बारे में बताया हैं।

 

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में एक याचिका पर विचार करते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है जिसमें नाबालिग की संपत्ति की बिक्री के संबंध में कठोर दिशा-निर्देश के बारे में बताया हैं।

मामले की जांच 

एक महिला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपनी विपरीत परिस्थितियों का वर्णन करते हुए कोर्ट से अपील की कि उसे अपने नाबालिग पुत्र की नाम पर दर्ज प्रॉपर्टी बेचने की अनुमति दी जाए। यह मामला उसके ससुर द्वारा लिए गए 40 लाख रुपये के लोन और उसके बाद हुई उनकी बिना कारण मृत्यु से जुड़ा था।

कोर्ट की दिशा-निर्देश

हाईकोर्ट ने इस मामले पर विचार करते हुए स्पष्ट किया कि नाबालिग की प्रॉपर्टी को बेचने के आदेश तब तक जारी नहीं किए जा सकते जब तक कि यह बच्चे की भलाई के लिए आवश्यक न हो।

याचिकाकर्ता की परिस्थितियाँ

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि किस प्रकार बैंक के दबाव में आकर उन्होंने बाहर से पैसा लेकर बैंक का कर्ज चुकता किया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रॉपर्टी की कीमत 60 लाख से अधिक है लेकिन बैंक इसे औने-पौने दामों पर बेचने को तैयार था।

हाईकोर्ट का फैसला

कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपने निर्णय में कहा कि बच्चे के माता-पिता को भी बिना कोर्ट की अनुमति के नाबालिग की प्रॉपर्टी बेचने का अधिकार नहीं है। लेकिन इस मामले में यह देखते हुए कि नाबालिग के हित में यह आवश्यक है कोर्ट ने प्रॉपर्टी बेचने की अनुमति दे दी।

न्यायिक दृष्टिकोण की सराहना

इस निर्णय के माध्यम से हाईकोर्ट ने न केवल नाबालिग के हितों की रक्षा की, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि आपातकालीन स्थितियों में परिवार को न्यायिक सहायता प्राप्त हो सके।