"यात्रीगण कृपया ध्यान दें"  रेल्वे स्टेशन पर सुनाई देने वाली ये आवाज किसकी है, जाने इसकी असली सच्चाई

भारतीय रेलवे स्टेशनों पर "यात्रीगण, कृपया ध्यान दें" की घोषणा ने लाखों यात्रियों की यात्रा को निर्देशित किया है। एक समय में यह आवाज सिर्फ एक अनजान आवाज थी लेकिन अब इसके पीछे की महिला सरला चौधरी की कहानी सबके सामने है।

 

भारतीय रेलवे स्टेशनों पर "यात्रीगण, कृपया ध्यान दें" की घोषणा ने लाखों यात्रियों की यात्रा को निर्देशित किया है। एक समय में यह आवाज सिर्फ एक अनजान आवाज थी लेकिन अब इसके पीछे की महिला सरला चौधरी की कहानी सबके सामने है।

सरला चौधरी

एक समय था जब रेलवे स्टेशन पर सभी अनाउंसमेंट मैन्युअल होते थे और इस जिम्मेदारी को निभाने वाली पहली महिला सरला चौधरी थीं। उनके पिता रेलवे में कार्यरत थे और एक दिन उन्होंने सरला को बताया कि अनाउंसमेंट विभाग में 3 महीने के लिए भर्ती हो रही है। सरला ने वॉइस टेस्ट दिया और उनका चयन हो गया।

अनाउंसमेंट की दुनिया में एक नई शुरुआत

13 जुलाई 1982 को सरला ने रेलवे अनाउंसर के रूप में अपनी नौकरी शुरू की। उन्होंने अपनी आवाज़ में अलग-अलग स्टेशनों के नाम और ट्रेनों के आगमन-प्रस्थान की जानकारी दी जिसे बाद में कंप्यूटराइज्ड सिस्टम में भी इस्तेमाल किया गया।

कंप्यूटर ने कैसे बदली अनाउंसमेंट की दुनिया

1991 में, जब सरला के स्टेशन पर पहला कंप्यूटर आया, उनकी आवाज़ को रिकॉर्ड किया गया और अनाउंसमेंट को शेड्यूल किया जाने लगा। इस तकनीकी परिवर्तन ने रेलवे स्टेशनों पर जानकारी प्रदान करने की प्रक्रिया को और भी सुगम बना दिया।

सरला चौधरी

साल 2015 तक सरला चौधरी की आवाज रेलवे अनाउंसमेंट में एक पहचान बन चुकी थी। उनकी आवाज में रिकॉर्डेड घोषणाएं आज भी कई स्टेशनों पर सुनाई देती हैं जिससे उनका योगदान बन गया है।