पेट्रोल पंप वाले मशीन में जीरो दिखाकर भी ग्राहकों को लगा रहे चूना, इन 4 चीजों को समझ लो कोई नही बना पाएगा बेवकूफ

यदि आप कभी अपनी गाड़ी से कहीं घूमने जाते हैं तो कहीं ना कहीं आप पेट्रोल पंप (Petrol Pump) पर रख कर पेट्रोल या डीजल जरूर ही भराते होंगे।
 

यदि आप कभी अपनी गाड़ी से कहीं घूमने जाते हैं तो कहीं ना कहीं आप पेट्रोल पंप (Petrol Pump) पर रख कर पेट्रोल या डीजल जरूर ही भराते होंगे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पेट्रोल या डीजल भरवाते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? अक्सर लोग इस बात से अनजान रहते हैं और छोटी-छोटी बातों का शिकार हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि पेट्रोल पंप पर तेल भराते समय किन चार मुख्य बातों का ध्यान रखना चाहिए।

जीरो रीडिंग की जांच करें

सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि जब भी आप पेट्रोल पंप पर अपनी गाड़ी में तेल भरवाने जाएँ तो यह सुनिश्चित करें कि फ्यूल डिस्पेंसर मशीन की रीडिंग शुरू होने से पहले जीरो पर हो। यह आपको यह आश्वासन देता है कि आपको पूरी और सही मात्रा में तेल मिल रहा है।

पेट्रोल की डेंसिटी की जांच

पेट्रोल या डीजल की डेंसिटी, उसकी शुद्धता और गुणवत्ता का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और डीजल की डेंसिटी 830 से 900 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच होती है। मिलावटी तेल आपके वाहन के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।

वेरीफिकेशन सर्टिफिकेट का होना

हर पेट्रोल पंप पर एक वेरीफिकेशन सर्टिफिकेट होता है जो यह प्रमाणित करता है कि मशीन सही ढंग से काम कर रही है और तेल की मात्रा सही मापी जा रही है। इस सर्टिफिकेट की मौजूदगी आपको यह आश्वासन देती है कि आपको धोखाधड़ी का शिकार होने से बचाया जा रहा है।

शिकायत के लिए हेल्पलाइन

किसी भी असंतोषजनक सेवा या धोखाधड़ी के मामले में आपके पास शिकायत दर्ज करने का अधिकार है। पेट्रोल पंप पर उपलब्ध नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर या मेट्रोलॉजी ऑफिस के माध्यम से आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।