750 करोड़ की लागत से इन जगहों के बीच बिछेगा रेल्वे ट्रैक, 16 सुरंगों से लेकर इन कामों से लोगों को होगा सीधा फायदा

उत्तराखंड की एक महत्वपूर्ण रेलवे परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन अपने आरंभिक चरणों में है। इस 125 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का 105 मीटर हिस्सा सुरंगों के माध्यम से और शेष 20 किलोमीटर हिस्सा पुलों और रेलवे स्टेशनों के माध्यम से बनाया जाएगा।
 

Rishikesh-Karnprayag Railway Line: उत्तराखंड की एक महत्वपूर्ण रेलवे परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन अपने आरंभिक चरणों में है। इस 125 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का 105 मीटर हिस्सा सुरंगों के माध्यम से और शेष 20 किलोमीटर हिस्सा पुलों और रेलवे स्टेशनों के माध्यम से बनाया जाएगा। इस परियोजना की लागत 750 करोड़ रुपये की लागत आएगी और बृहस्पतिवार को इसके लिए टेंडर प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है।

ट्रैक बिछाने की तैयारी

भारतीय रेलवे का उपक्रम इरकॉन इंटरनेशनल इस रेलवे लाइन पर ट्रैक बिछाने का कार्य जल्द ही शुरू करेगा। परियोजना पर काम तेजी से चल रहा है और इसमें शामिल 16 मुख्य सुरंगों का खुदान करीब 75 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। इस परियोजना को वर्ष 2025 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

रेलवे स्टेशनों का निर्माण

इस रेलवे लाइन पर कुल 13 रेलवे स्टेशन होंगे, जिनमें से वीरभद्र और योगनगरी रेलवे स्टेशन का कार्य पूरा हो चुका है और योगनगरी रेलवे स्टेशन तक ट्रेनें चल रही हैं। अन्य स्टेशनों जैसे शिवपुरी, ब्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर, धारीदेवी, तिलनी, घोलतीर, गौचर और सिंवई (कर्णप्रयाग) में स्टेशन निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया अगस्त तक पूरी होने की संभावना है।

सुरंगों और पुलों का महत्व

इस रेलवे लाइन का 84 प्रतिशत हिस्सा सुरंगों के अंदर से गुजरेगा। इसमें 16 मुख्य सुरंगें और 12 सहायक सुरंगें शामिल हैं, जो आपातकालीन स्थितियों में निकासी का कार्य करेंगी। पूरी लाइन पर 16 पुल हैं, जिनमें से चंद्रभागा, लक्ष्मोली और श्रीनगर में पुलों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और शेष 13 पुलों का निर्माण कार्य भी 70 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है।